क्या केरल के सीएम विजयन पर चेन्निथला का हमला सबरीमाला सोना चोरी मामले की जांच को प्रभावित करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- सबरीमाला सोना चोरी मामले की जांच में एसआईटी का कार्यकाल समाप्त होने वाला है।
- आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद सोने की बरामदगी नहीं हो पाई है।
- राजनीतिक संरक्षण पर सवाल उठाए गए हैं।
- केरल हाईकोर्ट ने भी जांच पर चिंता व्यक्त की है।
- तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
अलप्पुझा, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता और सीडब्ल्यूसी सदस्य रमेश चेन्निथला ने मंगलवार को सबरीमाला से गायब हुए सोने के मामले की जांच के संबंध में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की सरकार और विशेष जांच दल (एसआईटी) पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि एसआईटी का कार्यकाल समाप्त होने में अब मात्र तीन सप्ताह शेष हैं, और इस समय जांच एक अत्यंत महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुकी है।
चेन्निथला ने कहा कि एसआईटी की प्रमुख जिम्मेदारी लापता सोने का पता लगाना है, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद सोने की बरामदगी अब तक नहीं हो पाई है।
उन्होंने कहा, “किसी भी सामान्य आपराधिक जांच में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अगला कदम चोरी गई संपत्ति की बरामदगी होता है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ,” और प्रश्न उठाया कि अब तक सोना क्यों नहीं मिला।
चेन्निथला ने इस दावे पर भी गंभीर संदेह व्यक्त किया कि कुछ ज्वेलरी दुकानों से जब्त किया गया सोना सबरीमाला से गायब सोने से संबंधित है। उन्होंने कहा कि इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि जब्त किया गया सोना वास्तव में वही लापता खेप है या नहीं।
उनके अनुसार, उपलब्ध जानकारी के अनुसार यह सोना कथित तौर पर प्राचीन वस्तुओं के रूप में अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचा गया, जिससे 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने स्रोत सहित पूरी जानकारी एसआईटी को सौंपी थी, जिसके बाद संबंधित व्यक्ति को तलब कर पूछताछ भी की गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि जांच उस दिशा में आगे बढ़ रही है या नहीं।
चेन्निथला ने केरल हाईकोर्ट की हालिया टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि अदालत ने भी माना है कि इस अपराध के पीछे शामिल “बड़ी मछलियां” अब तक खुलेआम घूम रही हैं और एसआईटी के कामकाज में ठहराव साफ नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि चूंकि एसआईटी का कार्यकाल समाप्त होने में अब कुछ ही सप्ताह बचे हैं, इसलिए एजेंसी को कथित तस्करी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा करने और असली दोषियों को संरक्षण देने वालों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए तुरंत जांच तेज करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने सत्तारूढ़ सीपीआई(एम) पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्षों की गिरफ्तारी के बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने आरोप लगाया, “यह संरक्षण इस डर से दिया जा रहा है कि यदि कार्रवाई की गई तो और भी कई तथ्य सामने आ जाएंगे,” और इस मामले में सीपीआई(एम) के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन को निशाने पर लिया।