क्या मध्य प्रदेश में किसान कांग्रेस को गांव-गांव में मजबूत करेगा धर्मेंद्र चौहान?
सारांश
Key Takeaways
- किसान कांग्रेस की इकाइयों को मजबूत करने की रणनीति।
- किसानों की समस्याओं का संकलन और समाधान।
- सोशल मीडिया के माध्यम से जनसंपर्क में सुधार।
- अखिल भारतीय अधिवेशन में सक्रिय भागीदारी।
- किसानों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना।
भोपाल, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों के बीच अपनी पहुँच को बढ़ाने के लिए किसान कांग्रेस की इकाइयों को मजबूत बनाने के प्रयासों में तेजी ला दी है। किसान कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान ने गांव-गांव में इकाइयों को सुदृढ़ करने हेतु जिला और पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक प्रदेश कार्यालय में आयोजित की गई। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि किसान कांग्रेस हमारे संगठन की एक महत्वपूर्ण इकाई है। वर्तमान में किसान बीज, नकली दवाइयों आदि से परेशान हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकताओं में किसान शामिल नहीं हैं। अगले साल मार्च में किसानों के नेतृत्व में विधानसभा का घेराव किया जाएगा। प्रदेश की 75% जनता कृषि पर निर्भर है, इसलिए इस संगठन का विस्तार ब्लॉक स्तर से पंचायत स्तर तक किया जाना चाहिए। प्रत्येक पंचायत में पंचायत अध्यक्ष की नियुक्ति की जाए।
किसान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष धर्मेंद्र चौहान ने बैठक में जिलाध्यक्षों को निर्देश दिया कि जिला एवं ब्लॉक स्तरीय यूनिटों को और अधिक सक्रिय तथा परिणाममुखी बनाकर पंचायत स्तर तक पहुंचें, ताकि किसान कांग्रेस की पकड़ ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत हो सके। उन्होंने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए पदाधिकारियों से कहा कि वे किसानों के बीच जाएं।
साथ ही, उन्होंने कहा कि किसान मुद्दों का संकलन कर गांव-गांव, गली-गली किसानों की समस्याओं को व्यवस्थित रूप से दर्ज करें और उन्हें आगामी रणनीति का आधार बनाएं। इसके अलावा, आरटीआई के प्रभावी उपयोग के माध्यम से कृषि संबंधी विभागों और योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर करें और इन सूचनाओं को संगठनात्मक कार्ययोजना में शामिल करें।
चौहान ने जिला अध्यक्षों से सोशल मीडिया का अधिकतम उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल माध्यमों से कांग्रेस की किसान-केंद्रित नीतियों और संदेशों को सीधे खेतों तक पहुंचाना आवश्यक है, ताकि जनसंपर्क अधिक प्रभावी बन सके।
उन्होंने अखिल भारतीय अधिवेशन की तैयारियों का उल्लेख करते हुए कहा कि किसान दिल्ली में प्रस्तावित 14 दिसंबर के अखिल भारतीय अधिवेशन की तैयारियों और उसमें किसान कांग्रेस की सक्रिय भागीदारी पर चर्चा की गई। बैठक का समापन आगामी कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के संकल्प के साथ हुआ।