क्या पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन ओडिशा के किसानों के लिए एक नई दिशा है?

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क्या पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन ओडिशा के किसानों के लिए एक नई दिशा है?

सारांश

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन की प्रशंसा की। उनका मानना है कि ये योजनाएं किसानों को सशक्त बनाएंगे और कृषि उत्पादकता में वृद्धि करेंगे। जानिए इस योजना के विस्तृत लाभ और उद्देश्यों के बारे में।

Key Takeaways

  • किसानों के लिए सशक्तिकरण
  • आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
  • 24 हजार करोड़ रुपए का बजट
  • 1.7 करोड़ किसानों को लाभ
  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि

भुवनेश्वर, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन के आरंभ की प्रशंसा की। उन्होंने इसे ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि यह योजना देश के कृषि परिदृश्य को बदलने में सहायक होगी और किसानों को सशक्त बनाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री ने हमारे अन्नदाताओं के लिए दो महत्वपूर्ण योजनाएं समर्पित की हैं, धन-धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन। इन दोनों पहलों से किसानों को विशाल लाभ होगा और अखिल भारतीय कृषि उत्पादकता में वृद्धि होगी।"

उन्होंने बताया कि पहले चरण में यह योजना देश के 100 जिलों में से ओडिशा के चार जिलों कंधमाल, मलकानगिरी, सुंदरगढ़ और नुआपाड़ा में लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, "कार्य तुरंत आरंभ किया जाएगा और इस कार्यक्रम को कई वर्षों तक चलाने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसका वार्षिक आवंटन 24 हजार करोड़ रुपए होगा। इससे लगभग 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।"

माझी ने योजना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह उत्पादकता बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य सुनिश्चित करने, भंडारण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और किसानों को बाजार समर्थन प्रदान करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, "ये उपाय हमारे किसानों को धान की खेती से परे विविधता लाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेंगे।"

मुख्यमंत्री ने मत्स्य पालन क्षेत्र के तहत शुरू की गई दो प्रमुख परियोजनाओं, संबलपुर के बसंतपुर में 100 करोड़ रुपए का एकीकृत एक्वा पार्क और भुवनेश्वर के पंडारा में 60 करोड़ रुपए का आधुनिक मछली बाजार का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "ये परियोजनाएं ओडिशा में उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण और विपणन तक नीली क्रांति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।"

माझी ने कहा कि ये पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, "मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद कृषि और किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एमएसपी, पीएम-किसान और विभिन्न राज्य योजनाओं के माध्यम से निरंतर समर्थन ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।"

उन्होंने यह भी बताया कि समृद्ध कृषक योजना के तहत, ओडिशा के किसानों को इनपुट सहायता के साथ 3,100 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी मिलती है। उन्होंने कहा, "महिला किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभों के माध्यम से सशक्त बनाया जा रहा है और जीएसटी में कई छूट कृषि में निवेश की लागत को कम करने में मदद कर रही हैं।"

माझी ने कहा, "धन-धान्य कृषि योजना और दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन हमारे कृषक परिवारों में समृद्धि लाएंगे, राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे और आत्मनिर्भरता तथा कृषि उत्कृष्टता की ओर भारत की यात्रा में योगदान देंगे।"

Point of View

बल्कि पूरे देश के कृषि क्षेत्र के लिए एक नई दिशा प्रदान करती है। प्रधानमंत्री की यह पहल किसानों की आत्मनिर्भरता और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। समय के साथ, यह देखने की आवश्यकता होगी कि ये योजनाएं वास्तव में कितनी प्रभावी साबित होती हैं।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और कृषि उत्पादकता में सुधार करना है।
इस योजना से कितने किसानों को लाभ होगा?
लगभग 1.7 करोड़ किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे।
डालहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता मिशन का क्या महत्व है?
यह मिशन दलहन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने का प्रयास है।
इस योजना का वार्षिक बजट कितना है?
इस योजना का वार्षिक आवंटन 24 हजार करोड़ रुपए है।
किसानों को किस प्रकार का समर्थन मिलेगा?
किसानों को उचित मूल्य, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, और बाजार समर्थन जैसे लाभ मिलेंगे।