किश्तवाड़ में केंद्रीय मंत्री का हेलीकॉप्टर लैंड क्यों नहीं कर सका?

सारांश
Key Takeaways
- किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही हुई।
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर सका।
- पीएम मोदी ने केंद्र सरकार की सहायता का आश्वासन दिया।
- राहत कार्य में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ शामिल हैं।
- श्री मचैल यात्रा स्थगित कर दी गई है।
किश्तवाड़, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ स्थित चिशोती कस्बे में बादल फटने से व्यापक तबाही हो गई है। इस संकट ने कई लोगों की जान ले ली है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इसी बीच, खराब मौसम के कारण केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का हेलीकॉप्टर चिशोती में लैंड नहीं कर सका, जिसके चलते उन्हें लौटना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इस बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "चिशोती में बादल फटने वाली जगह पर जाने के लिए मैं जम्मू से भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से रवाना हुआ था, लेकिन एक घंटे की उड़ान के बाद हेलीकॉप्टर वापस लौट आया, क्योंकि खराब मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते लैंडिंग नहीं हो सकी।"
उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद वे प्रभावित क्षेत्र में शीघ्र पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से निकल पड़े। हालाँकि, यह एक लंबा और दुर्गम पहाड़ी इलाका है और मौसम भी प्रतिकूल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बातचीत कर हालात की जानकारी ली। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हर संभव मदद प्रदान करेगी और पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ी है।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को किश्तवाड़ की स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार और प्रभावित लोग केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही सभी सहायता के लिए आभारी हैं।
ज्ञात हो कि किश्तवाड़ के चिशोती क्षेत्र में गुरुवार को बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आ गई। यह घटना उस स्थान पर हुई, जहां श्री मचैल यात्रा के लिए चार पहिया वाहन खड़े होते हैं और कई अस्थायी दुकानें लगी हुई हैं। एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।