क्या कोलकाता गैंगरेप मामले में जादवपुर यूनिवर्सिटी की गेस्ट फैकल्टी शताब्दी दास ने कड़ी कार्रवाई की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।
- शिक्षा को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
- सुरक्षित माहौल का निर्माण करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
- सशक्तिकरण का प्रतीक बनें।
- समाज में बदलाव लाने के लिए एकजुट होना होगा।
कोलकाता, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जादवपुर यूनिवर्सिटी की अंग्रेजी रिसर्च स्कॉलर और गेस्ट फैकल्टी शताब्दी दास ने पश्चिम बंगाल के लॉ कॉलेज में एक स्टूडेंट के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले पर गहरा दुख व्यक्त किया।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "एक महिला होने के नाते मैं इस मामले की कड़ी निंदा करती हूं और सरकार से अनुरोध करती हूं कि इस मामले में संलिप्त सभी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह आवश्यक है कि शिक्षण संस्थाओं में महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिले।"
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी का माहौल पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि कोई बाहरी स्टूडेंट यहां आने का विचार कर रहा है, तो मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि उसे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। हमारे यहां सभी लोग अच्छे से रहते हैं। यदि किसी को कोई परेशानी होती है, तो हम मिलकर उसका समाधान करने का प्रयास करते हैं।
जब उनसे पूछा गया कि हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के कारण माता-पिता अब अपनी बेटियों को पढ़ाने से कतराने लगे हैं, तो शताब्दी दास ने कहा कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। यह 21वीं शताब्दी है। हमें बेटों के साथ-साथ बेटियों की पढ़ाई को भी प्राथमिकता देनी होगी, तभी समाज में विकास संभव होगा। बेटियों को शिक्षा देना आवश्यक है, क्योंकि यही हमारी समाज की प्रगति का आधार है।
शताब्दी दास ने आगे कहा कि यदि किसी ने इस प्रकार के मामलों के बाद बेटियों की शिक्षा के प्रति अपनी धारणा बदल ली है, तो उन्हें अपने विचारों को फिर से विचार करना चाहिए। पश्चिम बंगाल की महिलाएं सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। इस प्रकार की घटनाएं बर्दाश्त के बाहर हैं। जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्र भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं। हम मांग करते हैं कि लॉ कॉलेज की घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि अपराधियों में खौफ पैदा हो सके।