क्या कोलकाता में छात्रों को मिला वैज्ञानिक नवाचार का अनुभव?

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क्या कोलकाता में छात्रों को मिला वैज्ञानिक नवाचार का अनुभव?

सारांश

कोलकाता में आयोजित एक विशेष संगोष्ठी में छात्रों को विज्ञान के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख वैज्ञानिकों ने छात्रों के साथ संवाद किया। यह पहल छात्रों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी।

Key Takeaways

  • छात्रों को वैज्ञानिक सोच और नवाचार का अनुभव मिला।
  • कार्यक्रम ने वैज्ञानिकों और छात्रों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया।
  • छात्रों को व्यावहारिक प्रयोगों का अनुभव प्राप्त हुआ।

हुगली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता के हुगली जिले के चंदननगर में स्थित रवींद्र भवन में हाल ही में एक विशेष वैज्ञानिक संगोष्ठी और कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों और प्रमुख वैज्ञानिकों के बीच जानकारीपूर्ण और मूल्यवान संवाद को बढ़ावा देना था।

विज्ञान शिविर’ शीर्षक से आयोजित इस एक दिवसीय छात्र संवर्धन कार्यक्रम में चंदननगर के विभिन्न स्कूलों से लगभग 450 छात्रों ने भाग लिया। यह पहल भविष्य की ‘विज्ञान-प्रधान पीढ़ी’ तैयार करने और छात्रों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई थी।

कार्यक्रम का आयोजन वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), कोलकाता इकाई और केंद्रीय कांच एवं सिरेमिक अनुसंधान संस्थान द्वारा किया गया। इस अवसर पर वैज्ञानिकों ने अपने शोध, तकनीकी नवाचारों और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला।

छात्रों को व्यावहारिक प्रयोगों और प्रदर्शनों के माध्यम से विज्ञान के नवाचारों और अन्वेषणों को देखने और सीखने का अवसर मिला।

कार्यक्रम में शामिल एक वैज्ञानिक ने बताया कि इस विज्ञान प्रदर्शनी का उद्देश्य छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच ‘वैज्ञानिक जुड़ाव’ को विकसित करना है, जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कल्पना की थी। वैज्ञानिक समुदाय का मानना है कि इस तरह की पहल भावी पीढ़ियों को शोध-उन्मुख सोच के लिए प्रेरित करेगी और देश के वैज्ञानिक अभ्यास को मजबूती प्रदान करेगी।

कार्यशाला में भाग लेने वाले छात्रों ने भी इसे एक सकारात्मक कदम बताया। छात्रा श्रीतामा दास ने इस पहल की प्रशंसा की और छात्र-वैज्ञानिक जुड़ाव के विचार के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।

वहीं, जयश्री साहा ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं से वैज्ञानिक विचारों का प्रवाह उन्हें भविष्य में प्रेरित करेगा और विज्ञान में रुचि को नई दिशा देगा।

यह कार्यक्रम छात्रों को केवल शैक्षणिक ज्ञान तक सीमित न रखते हुए उन्हें व्यावहारिक अनुभव और वैज्ञानिक सोच के महत्व से अवगत कराने का प्रयास करता है, जिससे शिक्षा और नवाचार के बीच एक मजबूत कड़ी स्थापित हो सके।

Point of View

बल्कि यह छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रकार की पहलों से हम भविष्य की वैज्ञानिक पीढ़ी तैयार कर सकते हैं।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

इस कार्यक्रम में कितने छात्रों ने भाग लिया?
लगभग 450 छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या था?
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद को बढ़ावा देना था।
कौन से संस्थानों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया?
कार्यक्रम का आयोजन सीएसआईआर, कोलकाता इकाई और केंद्रीय कांच एवं सिरेमिक अनुसंधान संस्थान ने किया।