क्या भारत को गोल्ड दिलाने वाली शूटर आरती सिंह राव राजनीति में भी उतरीं?

सारांश
Key Takeaways
- आरती सिंह राव ने शूटिंग में भारत को कई मेडल दिलाए हैं।
- उनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि उनके परिवार से जुड़ी हुई है।
- उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है।
- आरती हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री और पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं।
नई दिल्ली, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम शूटिंग में रोशन कर चुकीं आरती सिंह राव ने अब राजनीति में भी अपनी पहचान बना ली है। उन्हें खेल और राजनीति, दोनों का विरासत में मिला है।
3 जुलाई 1979 को हरियाणा में जन्मी आरती सिंह जब केवल पांच साल की थीं, तब उन्होंने अपने घर में तेज धमाके की आवाज सुनी। नन्ही आरती डर गईं और दौड़कर अपनी मां से लिपट गईं। उनकी मां ने मुस्कुराकर कहा कि डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि उनके पिता शूटिंग की प्रैक्टिस कर रहे हैं।
आरती सिंह के पिता राव इंद्रजीत सिंह ने लगातार तीन साल तक स्कीट में नेशनल चैंपियन रहे हैं। जब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी बंदूक से डर गई है, तो उन्होंने उसे डर खत्म करने के लिए प्रैक्टिस पर ले जाने का निर्णय लिया।
आरती ने धीरे-धीरे राइफल हाथ में थामा और अपने सटीक निशानों से सभी को चौंका दिया। उन्होंने मनशेर सिंह के सामने उनके 14 बार के नेशनल चैंपियन बनने का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
आरती सिंह ने देश को एशियन चैंपियनशिप में चार मेडल दिलाए हैं। साल 2003 में नई दिल्ली में आयोजित विमेंस स्कीट इवेंट में उन्होंने सिल्वर जीता। इसके बाद 2004 में बैंकॉक में ब्रॉन्ज जीता और 2005 में गोल्ड पर निशाना लगाया। साल 2009 में एक बार फिर उन्होंने सिल्वर अपने नाम किया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली आरती सिंह ने अपने बचपन में राजनीति का माहौल देखा। उनके दादा राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनके पिता राव इंद्रजीत सिंह इस समय केंद्र सरकार में मंत्री हैं।
आरती की रुचि राजनीति में भी थी। उन्होंने साल 2024 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में अटेली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्तमान में वह हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री हैं और हरियाणा के पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष भी हैं।