क्या एआईएमआईएम बिहार विधानसभा चुनाव में 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी? पहली सूची जारी

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क्या एआईएमआईएम बिहार विधानसभा चुनाव में 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी? पहली सूची जारी

सारांश

क्या एआईएमआईएम बिहार विधानसभा चुनाव में 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी? किशनगंज में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी ने अपनी पहली सूची जारी की है। जानें, किन सीटों पर है एआईएमआईएम की नजर और क्या है उनकी चुनावी रणनीति।

Key Takeaways

  • एआईएमआईएम ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
  • पार्टी की रणनीति सीमांचल क्षेत्र पर केंद्रित है।
  • महिलाओं को भी चुनाव में प्रतिनिधित्व देने का वादा किया गया है।
  • पार्टी ने आरजेडी से गठबंधन का प्रस्ताव भेजा था।
  • असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम वोटबैंक को मजबूत करने की कोशिश की है।

किशनगंज, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने शनिवार को उन सीटों की पहली सूची प्रस्तुत की, जहां पार्टी चुनाव में भाग लेने वाली है। यह जानकारी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान और राष्ट्रीय प्रवक्ता आदिल हुसैन ने किशनगंज स्थित पार्टी कार्यालय में साझा की। पार्टी की प्रत्याशियों की सूची बाद में जारी की जाएगी।

एआईएमआईएम ने कुल 16 जिलों के 32 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है, जो कि पार्टी की विस्तारवादी रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सूची विशेष रूप से सीमांचल क्षेत्र पर केन्द्रित है, जहां मुस्लिम वोटरों का प्रभाव महत्वपूर्ण माना जाता है। एआईएमआईएम ने पहले से ही यह ऐलान किया है कि वह बिहार में 100 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेगी, ताकि एनडीए और महागठबंधन के बीच एक 'तीसरा विकल्प' तैयार किया जा सके।

बिहार एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने पत्रकारों को बताया कि सेकुलर वोटों के बिखराव को रोकने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को गठबंधन का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने के कारण स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, "जल्द ही सभी 32 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी। महिलाओं को सम्मानजनक प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा।"

पार्टी ने 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिनमें किशनगंज, कोचाधामन, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, अमौर, बायसी, कस्बा, बलरामपुर, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी, कदवा, हाट, अररिया, शेरघाटी, बेलागंज, ढाका, नरकटिया, नवादा शहर, सिकंदरा, नाथनगर, भागलपुर, सिवान शहर, जाले, दरभंगा ग्रामीण, केवटी, गौरा बौराम, कल्याणपुर, बाजपट्टी, बिस्फी, महुआ और गोपालगंज शामिल हैं।

यह सूची पार्टी की सीमांचल-केंद्रित रणनीति को प्रदर्शित करती है, जहां 2020 के चुनावों में पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, लेकिन चार विधायकों के आरजेडी में चले जाने से उसकी विधानसभा में केवल एक सीट रह गई। हाल ही में पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल के किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया जिलों का दौरा किया और मुस्लिम वोटबैंक को मजबूत किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि एआईएमआईएम की चुनावी रणनीति बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण फेरबदल ला सकती है। सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम वोटर अहम भूमिका निभाते हैं, और एआईएमआईएम का यह कदम उस वोटबैंक को मजबूत करने का प्रयास है। पार्टी की यह पहल एनडीए और महागठबंधन के बीच एक संभावित तीसरा विकल्प प्रस्तुत कर सकती है।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

एआईएमआईएम ने कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है?
एआईएमआईएम ने 16 जिलों के 32 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
क्या एआईएमआईएम की चुनावी रणनीति सफल होगी?
पार्टी की सीमांचल-केंद्रित रणनीति और मुस्लिम वोटरों का प्रभाव एआईएमआईएम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
कौन हैं एआईएमआईएम के प्रमुख नेता?
एआईएमआईएम के प्रमुख नेता असदुद्दीन ओवैसी हैं।
क्या एआईएमआईएम ने पहले भी चुनाव लड़ा है?
हाँ, एआईएमआईएम ने 2020 के चुनावों में पांच सीटें जीती थीं।
किस क्षेत्र पर एआईएमआईएम का ध्यान है?
पार्टी का ध्यान मुख्य रूप से सीमांचल क्षेत्र पर केंद्रित है।