क्या अपराध को लिंग आधारित नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए? : जया किशोरी का सोनम-मुस्कान मामलों पर विचार

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क्या अपराध को लिंग आधारित नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए? : जया किशोरी का सोनम-मुस्कान मामलों पर विचार

सारांश

जया किशोरी ने समाज में अपराध को लिंग आधारित नजरिए से न देखने की अपील की है। एनडीटीवी के कार्यक्रम में उन्होंने इंदौर और मेरठ के चर्चित मामलों का जिक्र कर समाज के दोहरे रवैये को उजागर किया। उनकी बातें हमें सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हम सही दृष्टिकोण से अपराध को देख रहे हैं?

Key Takeaways

  • अपराध को लिंग के आधार पर नहीं देखना चाहिए।
  • समाज को दोहरे रवैये से बाहर निकलना होगा।
  • पुरुषों को सशक्त महिलाओं के साथ सह-अस्तित्व सीखना चाहिए।
  • शादी का मतलब प्यार है, लेकिन सही साथी की तलाश आवश्यक है।
  • पैसे को संभालना भी उतना ही आवश्यक है जितना कि उसकी उपलब्धता।

नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध कथावाचिका और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने निजी टेलीविजन चैनल एनडीटीवी के विशेष कार्यक्रम 'क्रिएटर्स मंच' में समाज और रिश्तों से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के दौरान जब उनसे इंदौर की सोनम और मेरठ की मुस्कान रस्तोगी जैसे चर्चित हत्याकांडों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने समाज के दोहरे रवैये पर कड़ा प्रहार किया।

एनडीटीवी क्रिएटर्स मंच पर शुभांकर मिश्रा से बातचीत में जया किशोरी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी लिंग का हो, यदि वह अपराध करता है, तो वह अपराधी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि ऐसी कितनी घटनाएं हुई हैं? क्या आप कुछ मामलों से डर गए हैं? वर्षों से हजारों महिलाओं के साथ ऐसा होता आया है, और तब भी हम यही कहते रहे कि सभी पुरुष एक जैसे नहीं होते। अब हमें भी उन पुरुषों की तलाश करनी चाहिए जो सही हों।

इंदौर में सोनम द्वारा अपने प्रेमी की मदद से पति की हत्या और मेरठ में मुस्कान रस्तोगी द्वारा अपने पति को मारने जैसी घटनाओं पर जया किशोरी ने स्पष्ट कहा कि अपराध को लिंग के चश्मे से नहीं देखना चाहिए। अपराध सिर्फ अपराध है, चाहे वह पुरुष करे या महिला, वह अपराधी है। समाज को अपराध को उसके वास्तविक रूप में देखना चाहिए, न कि यह देखने में उलझना चाहिए कि इसे किसने किया।

जया किशोरी ने कहा कि अब पुरुषों को सशक्त महिलाओं के साथ रहना सीखना होगा। आज भी पुरुष इस बात के आदी नहीं हैं कि उन्हें किसी महिला के नाम से जाना जाए। लेकिन अब उन्हें यह बदलाव स्वीकार करना होगा।

शादी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "शादी का मतलब प्यार है। मुझे शादी बहुत पसंद है, लेकिन अभी तक वह व्यक्ति नहीं मिला जिससे मैं शादी करना चाहूं। जैसे ही वह व्यक्ति मिल जाएगा, मैं शादी कर लूंगी। मेरे मोबाइल में शादी से जुड़ी सारी चीजें एक फोल्डर में तैयार हैं, अब बस लड़के (वर) की तलाश है।"

पैसे के महत्व पर पूछे गए सवाल पर जया किशोरी ने कहा कि पैसा बहुत जरूरी है, लेकिन उससे भी जरूरी है उसे संभालना आना। अगर कोई कहता है कि पैसा जरूरी नहीं है, तो फिर उसे दान दे देना चाहिए।

Point of View

हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि जया किशोरी ने समाज के सामने एक महत्वपूर्ण विषय रखा है। अपराध चाहे किसी भी लिंग द्वारा किया गया हो, हमें इसे एक समान रूप से देखना चाहिए। समाज का दोहरा रवैया केवल समस्याओं को बढ़ाता है। हमें इस मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है ताकि सभी व्यक्ति को उनके कार्यों के अनुसार आंका जा सके।
NationPress
06/08/2025

Frequently Asked Questions

जया किशोरी ने अपराध को लिंग आधारित नजरिए से क्यों नहीं देखने का आग्रह किया?
जया किशोरी का मानना है कि अपराध केवल अपराध होता है और इसे लिंग के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए।
सोनम और मुस्कान के मामलों का जया किशोरी ने क्या उल्लेख किया?
उन्होंने कहा कि ये घटनाएं दर्शाती हैं कि अपराध को हमेशा उसके वास्तविक रूप में देखना चाहिए, न कि लिंग के आधार पर।