क्या बंगाल सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण प्रदान कर रही है? : संजय सरावगी
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
- पश्चिम बंगाल की जनसांख्यिकी पर असर पड़ रहा है।
- सरकार का संरक्षण एक विवादास्पद मुद्दा है।
- आगामी चुनाव में यह एक महत्वपूर्ण विषय बन सकता है।
- राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
पटना, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान के बाद कि 'पश्चिम बंगाल में अगला विधानसभा चुनाव घुसपैठियों के मुद्दे पर होने वाला है,' राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं। इस मौके पर, बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय सरावगी ने अमित शाह के विचारों का समर्थन किया।
संजय सरावगी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "अमित शाह ने बिल्कुल सही कहा कि पश्चिम बंगाल की जनसांख्यिकी बदलने वाली है। जिस तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठिए पूरे देश और बंगाल में प्रवेश कर रहे हैं, उससे बंगाल की जनसांख्यिकी पर गहरा असर पड़ रहा है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को बंगाल की सरकार द्वारा संरक्षण मिल रहा है, उनके विधायक राज्य में बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा रहे हैं। यह अनौपचारिक संरक्षण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से है।"
उन्होंने आगे कहा, "आने वाले समय में बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं की संख्या बढ़ रही है और राज्य सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। बहुत सी जगहें थीं जहाँ हिंदू बहुसंख्यक थे, लेकिन अब वे अल्पसंख्यक बन गए हैं। यह निश्चित रूप से बंगाल और हिंदू समाज के लिए चिंता का विषय है। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।"
संजय सरावगी ने कहा, "जिस तरह से सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है, अगर चुनाव आयोग एसआईआर करना चाहता है तो राज्य सरकार उसे सहयोग नहीं कर रही है। बंगाल सरकार एसआईआर से क्यों डर रही है? उन्हें डर है कि घुसपैठियों और रोहिंग्याओं का नाम हट जाएगा। ऐसे में आगामी बंगाल चुनाव में एसआईआर एक महत्वपूर्ण मुद्दा होना चाहिए।"
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "चुनाव नजदीक है, इसलिए सरकार अंदरूनी समर्थन देकर बाबरी मस्जिद बनाने का प्रयास कर रही है। आम जनता इसे देख रही है।"