क्या भारत विकास परिषद केवल एक संस्था है या एक विचार? : अमित शाह

सारांश
Key Takeaways
- भारत विकास परिषद का 63वां स्थापना दिवस महत्वपूर्ण है।
- संस्था ने सेवा और संस्कार के माध्यम से समाज में योगदान दिया है।
- प्रधानमंत्री मोदी का 2047 तक पूर्ण विकसित भारत बनाने का संकल्प।
- संस्था ने 412 जिलों में 1600 से अधिक शाखाएं स्थापित की हैं।
- हेमम नीलमणि सिंह को सम्मानित किया गया।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली में भारत विकास परिषद के 63वें स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने बताया कि भारत विकास परिषद का 63वां स्थापना दिवस उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है जो भारत के विकास को भारतीय दृष्टिकोण से देखना चाहते हैं।
शाह ने कहा कि कोई भी संस्था जब 63 वर्षों तक बिना विवाद के चलती है, तो यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। विशेषकर, जब वह संस्था सेवा का काम करती है और सृजन शक्ति का संगठन बनाती है। 63 वर्ष का यह समय किसी व्यक्ति के जीवन में बढ़ती उम्र का पड़ाव होता है, लेकिन एक संगठित संस्था के लिए यह युवावस्था का समय है।
उन्होंने कहा कि जब भारत की आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी, तब भारत विकास परिषद देश के विकास में योगदान देती रहेगी। इस संस्था ने समर्पण, संगठन और संस्कार के गुणों को संजोकर समाज की सृजन शक्ति को संगठित किया है।
अमित शाह ने कार्यक्रम में मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानी हेमम नीलमणि सिंह को मरणोपरांत सम्मानित करने के लिए भारत विकास परिषद का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि नीलमणि सिंह ने 1944 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान पर आजाद हिंद फौज में शामिल होकर भाषाई एकता के लिए जीवनभर काम किया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने बताया कि देशभर में 412 जिलों में 1600 से अधिक भारत विकास परिषद की शाखाएं हैं, और 84,000 से अधिक परिवार इस सेवा कार्य से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है, और भारत विकास परिषद इन लक्ष्यों पर एक सेवक के रूप में कार्य कर रही है।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 11 वर्षों में सेवा के संकल्प के साथ चुपचाप कई कार्य किए हैं। उन्होंने औपनिवेशिक विरासत से मुक्ति के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
शाह ने कहा कि राम मंदिर निर्माण से कुछ लोग सवाल उठाते हैं, लेकिन मोदी ने राम मंदिर के साथ-साथ 5जी तकनीक और डिजिटल भुगतान व्यवस्था को भी लागू किया है।
शाह ने आगे कहा कि देश में मंदिरों का पुनरोद्धार और आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अब हमें विरासत को भूले बिना विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।