क्या उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा को पसीना आ रहा है?: वीरेंद्र सिंह

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा अब अपने सांसदों के साथ गहन चर्चा कर रही है।
- सुदर्शन रेड्डी एक अनुभवी न्यायाधीश हैं।
- एनडीए के सहयोगियों की दुविधा बढ़ती जा रही है।
- पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है।
- सामाजिक समीकरण चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव को भाजपा एकतरफा लड़ाई समझ रही थी, लेकिन अब वे अपने सांसदों को बुलाकर गहन चर्चा कर रहे हैं।
सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने सोमवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "भाजपा जिस चुनाव को एकतरफा मान रही थी, अब उन्हें पसीना आ रहा है। कहीं न कहीं वे डरे हुए हैं, इसलिए वे अपने सांसदों को 6 घंटे तक बुलाकर उनसे व्यक्तिगत बातचीत कर रहे हैं। उन्हें एहसास हो गया है कि यह लड़ाई उतनी आसान नहीं है, जितना उन्होंने सोचा था।"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा के उम्मीदवार की पृष्ठभूमि आरएसएस से है, जबकि एनडीए के कई सहयोगी धर्मनिरपेक्ष वोटों से चुनाव जीतते हैं। ऐसे में वे इस दुविधा में हैं कि अपने मतदाताओं को क्या जवाब दें। ऐसे समय में कई एनडीए साथी जो सरकार के साथ हैं, वे उपराष्ट्रपति चुनाव में 'इंडिया ब्लॉक' के उम्मीदवार को वोट देने के लिए तैयार हैं। वे समझते हैं कि देश में इस समय कानून के अनुसार सदन और सरकार चलाने की आवश्यकता है।"
वीरेंद्र सिंह ने 'इंडिया ब्लॉक' के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी का उल्लेख करते हुए कहा, "हमारा प्रत्याशी कानून का जानकार है और किसी दल से नहीं जुड़े हैं। वह एक न्यायाधीश रहे हैं और उन्होंने हमेशा न्याय देने का काम किया है। हम सबको उम्मीद है कि जब वे (सुदर्शन रेड्डी) कुर्सी पर बैठेंगे, तो सदन और देश में अराजकता की स्थिति को खत्म करने का काम करेंगे। हमें विश्वास है कि सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करेंगे।"
इसके अलावा, उन्होंने विदेश नीति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। उन्होंने पंजाब में बाढ़ की स्थिति पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "अफसोस की बात है कि पीएम मोदी ने 12 दिन के बाद भी पंजाब का नाम नहीं लिया है। पंजाब में किसानों की लाखों हेक्टेयर भूमि बर्बाद हो गई है। बाढ़ के कारण लाखों किसान बेघर हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक बार भी पंजाब का नाम नहीं लिया। वे केवल चीन और अमेरिका में व्यस्त रहे। अमेरिका मुस्कुराया तो हमारे प्रधानमंत्री का चेहरा खिल गया। सवाल यह उठता है कि हम कब से अमेरिका को भगवान मानने लगे हैं। मुझे लगता है कि हमारे प्रधानमंत्री को मजबूत होना चाहिए और देश की जनता भी उनसे यही अपेक्षा करती है।"
वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के मलेशिया दौरे पर सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा, "यह जरूर कोई निजी मामला होगा। हम न तो उनके निजी सहायक हैं और न ही जनसंपर्क अधिकारी, जो उनकी सभी यात्राओं की पूरी जानकारी रख सकें। जहां तक 'इंडिया ब्लॉक' की बात है, तो ऐसे कई नेता हैं जो उनकी अनुपस्थिति में भी गठबंधन को संभाल सकते हैं।"