क्या तुहिन सिन्हा का तंज सही है? क्या कांग्रेस ड्रग तस्करी के माध्यम से अपनी फंडिंग कर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- तुहिन सिन्हा ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- लिंगराज कन्नी की गिरफ्तारी ने राजनीति में हलचल मचाई है।
- कर्नाटक सरकार की स्थिति पर सवाल उठाए गए हैं।
- चुनाव आयोग के खिलाफ बयानबाजी लोकतंत्र के लिए खतरा है।
- अवैध मतदाताओं की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कलबुर्गी साउथ ब्लॉक के कांग्रेस अध्यक्ष लिंगराज कन्नी की ड्रग तस्करी मामले में गिरफ्तारी पर कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है। तुहिन ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस पार्टी ड्रग तस्करी के माध्यम से अपनी फंडिंग कर रही है?
भाजपा प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कलबुर्गी साउथ ब्लॉक के कांग्रेस अध्यक्ष लिंगराज कन्नी को ड्रग तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि उन्हें प्रियांक खड़गे का करीबी सहयोगी माना जाता है और कलबुर्गी को खड़गे परिवार का गढ़ माना जाता है। सवाल यह है कि क्या प्रियांक खड़गे को अपने करीबी की ड्रग तस्करी गतिविधियों की जानकारी थी, यदि जानकारी थी तो प्रियांक को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकारों में से एक है। ऐसे में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह दिवालिया सरकार अपनी योजनाओं का सही ढंग से पालन नहीं कर पा रही है और भ्रष्टाचार में लिप्त है। बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस पार्टी ड्रग तस्करी के जरिए अपनी फंडिंग कर रही है, और इसका जवाब खड़गे परिवार को देना होगा।
तुहिन सिन्हा ने कहा कि खबरों के मुताबिक, बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान बड़ी संख्या में अनियमितताएं पाई गई हैं, जिनमें नेपाल और बांग्लादेश से आए अवैध मतदाता भी शामिल हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि एसआईआर प्रक्रिया अत्यंत आवश्यक है और इसे बिना किसी देरी के पूरा किया जाना चाहिए। हम चुनाव आयोग की प्रक्रिया का पूरा समर्थन करते हैं। हालांकि, सवाल यह है कि हाल के हफ्तों में कांग्रेस और राजद द्वारा एसआईआर का विरोध क्यों किया जा रहा है, क्या वे अवैध मतदाताओं की मौजूदगी के बारे में जानते थे?
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ है। चुनाव आयोग के विरुद्ध तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार की भाषा का उपयोग किया है, वह बेहद निंदनीय है। ऐसी भाषा का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इसके लिए तेजस्वी यादव की अल्प शिक्षा ज़िम्मेदार है।