क्या दिवाली बिक्री के आंकड़े सच में दर्शाते हैं? इमरान मसूद का सवाल

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क्या दिवाली बिक्री के आंकड़े सच में दर्शाते हैं? इमरान मसूद का सवाल

सारांश

दिवाली के दौरान 6 लाख करोड़ रुपए की बिक्री के सरकारी दावे पर इमरान मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। क्या यह आंकड़े सच में बाजार की स्थिति को दर्शाते हैं? जानें उन्होंने क्या कहा और सरकार की नीतियों पर क्या सवाल उठाए।

Key Takeaways

  • कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने दिवाली बिक्री के आंकड़ों पर सवाल उठाए।
  • उन्होंने कहा कि सरकार के आंकड़े हकीकत से दूर हैं।
  • जीएसटी की बढ़ी हुई दरें छोटे व्यापारियों को प्रभावित कर रही हैं।
  • सरकार को आम लोगों की समस्याओं का गंभीरता से समाधान करना चाहिए।
  • प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर भी सवाल उठाए गए हैं।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने दिवाली के दौरान 6 लाख करोड़ रुपए की बिक्री के दावे पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि बाजारों में इस बार वह रौनक नहीं दिखी, जिसका प्रचार किया जा रहा है। पता नहीं उनके पास क्या आंकड़े हैं और वह कहां से आए? लोगों के पास पैसे नहीं हैं। जीएसटी का खेल दो महीने में सामने आ जाएगा। जिन व्यापारियों ने बढ़ी हुई जीएसटी दरों पर सामान खरीदा और कम दरों पर बेचा, उन्हें भारी नुकसान होगा। नतीजे जल्द सामने होंगे।

इमरान मसूद ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देश को दुनिया के सबसे कर्जदार देशों में खड़ा कर दिया गया है। 70 साल में जो नहीं हुआ, वह इस सरकार ने कर दिखाया। एक साल में सोने की कीमत दोगुनी हो गई। प्रॉपर्टी की कीमतें तब बढ़ती हैं, जब काला धन बाजार में आता है।

उन्होंने जीएसटी की जटिलताओं पर भी सवाल उठाए और कहा कि इसका असर छोटे व्यापारियों पर पड़ रहा है। सरकार के आंकड़े हकीकत से दूर हैं और बाजारों में मंदी साफ दिख रही है। अगले दो महीनों में जीएसटी संग्रह और व्यापारियों की स्थिति से सरकार की नीतियों की पोल खुल जाएगी। मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह आम लोगों और व्यापारियों की समस्याओं को गंभीरता से ले और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रभावी कदम उठाए।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, "पीएम कभी चिट्ठी लिखते हैं, कभी मन की बात करते हैं, लेकिन देश की हालत नहीं देखते। वह चमत्कारी व्यक्ति हैं, लेकिन उनकी नीतियों ने देश को कर्ज के बोझ तले दबा दिया।"

इमरान मसूद ने अर्थव्यवस्था को लेकर सरकार के दावों को "हवा-हवाई" करार देते हुए कहा कि दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं और भारत की स्थिति में भारी अंतर है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दी गई दिवाली की बधाई पर भी इमरान मसूद ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "डोनाल्ड ट्रंप रोज धमकाते हैं, टैरिफ लगाने की बात करते हैं, फिर मुबारकबाद देते हैं और पीएम मोदी उसे स्वीकार भी करते हैं। एक बार इंदिरा गांधी जैसा दम दिखाएं और कहें कि देश के हित में ट्रंप का फोन नहीं लेंगे। मैं सरकार से देशहित में ठोस कदम उठाने की मांग करता हूं।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि इमरान मसूद द्वारा उठाए गए सवाल न केवल आर्थिक नीतियों की जांच करते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कैसे सरकार को जनता और व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

इमरान मसूद ने सरकार के आंकड़ों पर क्या सवाल उठाए?
उन्होंने कहा कि 6 लाख करोड़ रुपए की बिक्री का दावा वास्तविकता से मेल नहीं खाता और बाजारों में मंदी साफ दिख रही है।
क्या जीएसटी का असर व्यापारियों पर पड़ रहा है?
हां, इमरान मसूद ने कहा कि जीएसटी की बढ़ी हुई दरों से छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान होगा।
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर इमरान मसूद का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि सरकार ने देश को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है और आर्थिक स्थिति चिंताजनक है।