क्या फिल्म में डायलॉग से ज्यादा गाने भावनाएं व्यक्त करते हैं? : मानसी बागला

सारांश
Key Takeaways
- फिल्म के गाने दर्शकों के दिलों को छूते हैं।
- संगीत फिल्म की भावनाओं को उजागर करता है।
- लेखिका मानसी बागला का अनुभव संगीत में गहराई लाता है।
- प्रेम कहानी में संगीत की अहमियत है।
- फिल्म 11 जुलाई को रिलीज होगी।
मुंबई, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' की लेखिका और निर्माता मानसी बागला का मानना है कि फिल्म में डायलॉग से अधिक भावनाएं गाने व्यक्त करती हैं।
फिल्म का शीर्षक गीत 'आंखों की गुस्ताखियां', 'नजारा', और हाल ही में जारी हुआ 'अलविदा' गाना दर्शकों को काफी भा रहा है। ये तीनों गाने गहन भावनाओं से भरे हुए हैं।
फिल्म के संगीत पर मानसी बागला ने कहा, “म्यूजिक ‘आंखों की गुस्ताखियां’ का एक प्रमुख हिस्सा है। अब तक जो भी गाने रिलीज हुए हैं, वे प्यार, इंतज़ार, दर्द और उन भावनाओं को दर्शाते हैं जिनसे फिल्म के पात्र गुजर रहे हैं। चूंकि मुझे संगीत का अच्छा अनुभव है, इसलिए मेरा मानना है कि गाने डायलॉग से ज्यादा भावना व्यक्त करते हैं। मुझे संगीत तैयार करने में एक साल का समय लगा है।”
मानसी ने कहा, '''आंखों की गुस्ताखियां' एक ऐसी प्रेम कहानी है जो दिल को सुकून देती है। इसलिए कहानी के अनुसार, इसका संगीत भी बिल्कुल वैसा ही होना बहुत जरूरी था। मेरे लिए संगीत कभी भी बाद में सोचने वाली चीज नहीं है, बल्कि यह फिल्म की भावना को मजबूत करने वाला हिस्सा है। मैंने हर गाने को कहानी के अनुसार फिट किया है, ताकि दर्शक पात्रों की भावनाओं को गहराई से महसूस कर सकें। मुझे संगीत काफी पसंद है, इसलिए मेरा पूरा ध्यान इस ओर रहता है। मैं कभी-कभी अपने दिल की बातें संगीत के जरिए जाहिर करती हूं।''
फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' को जी स्टूडियोज और मिनी फिल्म्स ने पेश किया है। इसे मानसी बागला, वरुण बागला और ओपन विंडो फिल्म्स ने मिलकर बनाया है। साथ ही कहानी मानसी बागला ने लिखी है। फिल्म के निर्देशक संतोष सिंह हैं, और म्यूजिक विशाल मिश्रा ने दिया है।
'आंखों की गुस्ताखियां' फिल्म 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।