क्या हम लोकतंत्र और संविधान को बचा पाएंगे? : दिग्विजय सिंह
सारांश
Key Takeaways
- दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया।
- लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा पर जोर दिया गया।
- युवाओं से अपील की गई कि वे लोकतंत्र की रक्षा करें।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता।
- 26 नवंबर को बैठक का आयोजन किया जाएगा।
इंदौर, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर चुनाव में हस्तक्षेप करने के गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा के भ्रष्ट नेता ही चुनाव आयोग का समर्थन कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि, "देश के 272 रिटायर्ड जजों, रिटायर्ड आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने चिट्ठी लिखवाई है। ये सभी भाजपा के सदस्य हैं और आरएसएस से जुड़े हुए हैं। इन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं, और इनके घरों से करोड़ों रुपये बरामद हुए हैं। ये सभी चुनाव आयोग का पक्ष ले रहे हैं।"
लोकतंत्र की सुरक्षा को लेकर दिग्विजय सिंह ने महत्वपूर्ण बैठकें और चर्चाएँ आयोजित करने की योजना का उल्लेख करते हुए कहा, "पूरा चुनाव आयोग बेईमानी पर उतर चुका है। प्रधानमंत्री को इन मामलों से खुद को अलग रखना चाहिए। मैं सभी से कहना चाहता हूँ कि इस देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने का समय आ गया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने हमें 26 नवंबर को भारतीय संविधान की रक्षा के लिए बैठक बुलाने, सभा आयोजित करने और लोगों से चर्चा करने का निर्देश दिया है।"
उन्होंने युवाओं से एक विशेष अपील करते हुए कहा, "हम लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खासकर मेरी अपील उन युवा साथियों से है, जिन्हें आज के समय में जेन-जी कहा जाता है। हमारे समय का अंत हो चुका है। हमने लोकतंत्र का आनंद लिया है, हमें वोट का अधिकार मिला। लेकिन आज सरकार एसआईआर के माध्यम से हमारे वोट का अधिकार छीनने की तैयारी कर रही है। नागरिकता छीनने का भी खतरा है। यदि इस देश में नागरिकता छिन गई और वोटर लिस्ट से नाम हटा दिए गए, तो यहाँ लोकतंत्र का अस्तित्व नहीं बचेगा।"