क्या इंडी अलायंस के नेताओं को बार-बार अपने बयान नहीं बदलने चाहिए? : रोहन गुप्ता
सारांश
Key Takeaways
- अखिलेश यादव को अपने विचार स्पष्ट रखने चाहिए।
- बिहार चुनाव में वोट चोरी का मुद्दा बार-बार बदला गया।
- नितिन नबीन को युवा नेता के रूप में अवसर दिया गया।
- कांग्रेस में दरबारी राजनीति का प्रभाव है।
- भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता का ध्यान।
अहमदाबाद, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की समयसीमा में वृद्धि पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट का जवाब देते हुए भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने कहा कि चाहे अखिलेश यादव हों या इंडी गठबंधन के अन्य नेता, उन्हें अपने विचार स्पष्ट रखने चाहिए।
अहमदाबाद में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान भाजपा नेता रोहन गुप्ता ने कहा कि वे बार-बार अपने बयान नहीं बदल सकते; कल कुछ और, आज कुछ और। एक स्पष्ट रुख अपनाएं और उस पर अडिग रहें।
बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि मैं याद दिलाना चाहता हूं, बिहार चुनाव के समय वोट चोरी का मुद्दा नहीं था, जैसे ही परिणाम आए इसे मुद्दा बना दिया गया। कभी एसआईआर पर विरोध, कभी वोट चोरी का मुद्दा। इस तरह बार-बार स्टैंड नहीं बदला जाता है।
बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर रोहन गुप्ता ने कहा कि यह एक खुशखबरी है कि एक युवा नेता, जिसने एक सच्चे भाजपा कार्यकर्ता की तरह जमीनी स्तर पर कार्य किया है, उसे पार्टी ने यह बड़ा अवसर दिया है। अन्य पार्टियां तो सामान्य बैकग्राउंड वाले 45 साल के नेता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के बारे में सोच भी नहीं सकतीं। नितिन नबीन ने छत्तीसगढ़ में प्रभारी के तौर पर भी अपनी कार्य-कुशलता साबित की है। युवा पर जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे बखूबी निभाएंगे। हम भी उनके साथ मिलकर काम करेंगे। 2047 तक विकसित भारत का संकल्प पूरा करना है।
कांग्रेस नेता मोहम्मद मोकिम को पार्टी से निकाले जाने पर रोहन गुप्ता ने कहा कि इसमें नया क्या है? यदि कोई दरबारियों पर सवाल उठाएगा, तो उसे पार्टी से निकाल दिया जाएगा। यदि आप उनका पत्र पढ़ेंगे, तो मुझे लगता है कि यही भावना वर्तमान कार्यकर्ताओं की भी है। यह दरबारी कांग्रेस है। बिहार चुनाव के परिणाम के बाद, कांग्रेस को केवल पांच सीटें मिलीं, और अभी तक विधायक दल का नेता नहीं चुना गया है। इन नेताओं के पास मुद्दे ही नहीं हैं। दरबारी नेता जो कहेंगे, वही हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं होता कि मोहम्मद मोकिम को निकाला गया है। कांग्रेस जिन राज्यों में सरकार में है, वहां पर भ्रष्टाचार है। जनता जानती है कि किस तरह से कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है। इस प्रकार की मानसिकता वाली कांग्रेस पर कोई भरोसा नहीं करेगा। बिहार विधानसभा चुनाव की तरह अन्य राज्यों में भी कांग्रेस का हाल यही होने वाला है।