क्या झामुमो ने केंद्र पर हमला किया? सीमा बदलने की बातें करने वाले क्यों पीछे हट गए?

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क्या झामुमो ने केंद्र पर हमला किया? सीमा बदलने की बातें करने वाले क्यों पीछे हट गए?

सारांश

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर झामुमो का तीखा जवाब। क्या केंद्र सरकार वास्तव में सीमाओं को बदलने में सक्षम है? जानें इस राजनीतिक विवाद की गहराई।

Key Takeaways

  • राजनाथ सिंह का बयान सीमाओं के बदलने की संभावनाओं पर केंद्रित है।
  • झामुमो ने केंद्र सरकार के दावों पर सवाल उठाए हैं।
  • विरोध का तरीका हर व्यक्ति का अलग होता है।

रांची, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध संबंधी बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की प्रतिक्रिया आई है। झामुमो के प्रवक्ता मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जब निर्णायक समय आता है, तो वह पीछे हट जाती है।

उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि सीमाएं भाषणों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से बदलती हैं।

मनोज पांडेय ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "ये लोग केवल बड़े दावे करते हैं। जब असली समय आया, तब घुटने टेक दिए, युद्धविराम के लिए तैयार हो गए और पीछे हट गए, जबकि सेना पूरी तरह तैयार थी। आज सीमाओं को बदलने की बातें करते हैं, लेकिन इतिहास कहता है कि सीमाएं कार्रवाई से बदलती हैं, बातों से नहीं।"

वास्तव में, सिंधी समाज सम्मेलन को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि सिंध की भूमि आज भले ही भारत का हिस्सा न हो, लेकिन सभ्यता और संस्कृति की दृष्टि से वह हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा।

उन्होंने आगे कहा था कि सीमाएं कभी भी बदल सकती हैं और कौन जानता है कि कल सिंध फिर से भारत में शामिल हो सकता है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सिंधी समाज के लोग सिंधु नदी को पवित्र मानते हैं और यह संबंध सदियों से भारत की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा रहा है।

दूसरी ओर, झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने इरफान अंसारी के बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध स्वाभाविक है, लेकिन हर व्यक्ति का विरोध का तरीका भिन्न होता है। विरोध तो होगा ही, लेकिन विरोध का तरीका हर किसी का अलग होता है। हर व्यक्ति अपने दृष्टिकोण और समझ के अनुसार विरोध करता है।

ज्ञात रहे कि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने एसआईआर के खिलाफ कहा था कि एसआईआर के बहाने भाजपा घुसपैठिए बताकर लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काटने का काम कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की थी कि वे एसआईआर का विरोध करें। जब भी एसआईआर के नाम पर बीएलओ उनके घर आएं तो उन्हें बांधकर रखें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक बयानों का महत्व है, लेकिन कार्रवाई की आवश्यकता अधिक होती है। सीमाओं को बदलने का विचार केवल राजनीतिक नारेबाजी नहीं होना चाहिए, बल्कि स्पष्ट और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

झामुमो का केंद्र पर हमला क्यों हुआ?
झामुमो ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सिंध को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के दावों पर सवाल उठाया है।
राजनाथ सिंह ने क्या कहा?
राजनाथ सिंह ने कहा कि सिंध की भूमि हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगी और सीमाएं कभी भी बदल सकती हैं।
मनोज कुमार पांडेय का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि सीमाएं भाषणों से नहीं, ठोस कार्रवाई से बदलती हैं।
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