क्या मध्य प्रदेश को गौरवशाली और आत्मनिर्भर बनाने का अवसर है? - सीएम मोहन यादव
सारांश
Key Takeaways
- मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने के संकल्प का दोहराना।
- 71 वर्षों की विधानसभा यात्रा का मूल्यांकन।
- ग्राम विकास और शिक्षा में सुधार के लिए योजनाएं।
- मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों का विकास।
- महिलाओं के आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली योजनाएं।
भोपाल, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधानसभा के 70 वर्ष पूरे होने पर एक दिवसीय विशेष सत्र को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह समय है जब हम मध्य प्रदेश को सुखद, समृद्ध, सांस्कृतिक रूप से गौरवशाली और आत्मनिर्भर बनाने के अपने संकल्प को दोहराएँ।
मुख्यमंत्री यादव ने आत्मनिर्भर, विकसित और समृद्ध मध्य प्रदेश के संकल्प पर चर्चा का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि विधानसभा का यह विशेष सत्र सभी के लिए सौभाग्य का विषय है। लोक कल्याणकारी राज्य के निर्माण की दिशा में यह सत्र विशेष महत्व रखता है। विधानसभा की 70 साल की यात्रा हमारे लोकतांत्रिक सफर का प्रमाण है; यह सदन सत्ता का नहीं, बल्कि जनता के विश्वास का मंदिर रहा है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने हाल ही में दो वर्ष पूरे किए हैं। जनता के कष्टों को कम करना और उनके जीवन में खुशियों का संचार करना हमारी प्राथमिकता रही है। मध्य प्रदेश को वर्षों तक बीमारू राज्य के रूप में पहचाना जाता रहा है। हमारी पार्टी की सरकारों ने इस छवि को बदलकर प्रदेश को विकासशील और संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम ऐसा प्रदेश बनाएंगे जहां चारों ओर हरियाली होगी, उद्योगों का जाल होगा, बेरोजगारी और गरीबी नहीं होगी, और सभी सुखी और सम्पन्न होंगे।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हमारा संकल्प पूर्ण होगा, क्योंकि हमारे नेता, नीति और नियत सभी स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हमने 11 दिसंबर को नक्सलवाद के लाल सलाम को आखिरी सलाम किया है।
मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि प्रदेश में दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र विकसित करने की योजना है। मालवा के साथ-साथ मध्य भारत-चंबल क्षेत्र और महाकौशल में भी सुव्यवस्थित विकास के लिए कार्य योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रारंभिक रूप से इंदौर और भोपाल को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के लिए प्राथमिकता दी गई है। वर्ष 2026 में ग्वालियर और जबलपुर को भी मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य आरंभ होगा।
मुख्यमंत्री यादव ने ग्राम विकास के क्षेत्र में गत दो वर्ष में गांव की समृद्धि, आत्मनिर्भरता और सुव्यवस्थित विकास के लिए कार्य किए हैं। हर ग्राम पंचायत में पीएम किसान समृद्धि केंद्र की स्थापना का निर्णय लिया गया है। प्रत्येक विकासखंड में एक गांव को वृंदावन ग्राम बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा जीवन का आधार है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सबसे पहले मध्य प्रदेश ने पहल की। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संदीपनि स्कूल बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री यादव ने पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने ही देश में नवोदय विद्यालय व्यवस्था की शुरुआत की।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि पहला सुख निरोगी काया के विचार को प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में क्रियान्वित करते हुए हर जरूरतमंद को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जा रहा है। उज्जैन में प्रदेश की पहली मेडिसिटी और कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में पीएमश्री एंबुलेंस सेवा के माध्यम से जरूरतमंदों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हमने लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाकर 1500 रुपए कर दी है। यह योजना महिला सम्मान और आत्मनिर्भरता का माध्यम बनी है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रदेश को दी गई पीएम मित्र पार्क की सौगात से मालवा निमाड़ अंचल में तीन लाख से अधिक लोगों को रोजगार और 6 लाख से ज्यादा कपास उत्पादकों को लाभ होगा। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश दूसरे राज्यों से बहुत आगे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास और संस्कृति एक-दूसरे के पूरक हैं। हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को नहीं भूलना चाहिए। महाकाल लोक, राम वन गमन पथ और लोक परंपराएं हमारी पहचान हैं।
ओंकारेश्वर में 2195 करोड़ रुपए की लागत से आचार्य शंकर संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है। मां क्षिप्रा के शुद्धिकरण के लिए 599 करोड़ की लागत से कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का भूमिपूजन किया गया है।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सिंचाई, पेयजल और उद्योगों के लिए जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हमने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ केन-बेतवा लिंक परियोजना का भूमि पूजन किया है। राजस्थान सरकार के साथ पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का कार्य प्रारंभ किया गया है। वर्ष 2024 को गौ संरक्षण और संवर्धन वर्ष घोषित किया गया है।