क्या मध्य प्रदेश सरकार ने आम आदमी की जेब फिर से काटी है? - जीतू पटवारी

सारांश
Key Takeaways
- स्टांप ड्यूटी में वृद्धि आम जनता पर वित्तीय दबाव डालती है।
- राज्य सरकार पर भारी कर्ज है।
- फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
- सरकारी नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।
- कांग्रेस का विरोध एक सशक्त आवाज है।
भोपाल 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्टांप ड्यूटी में की गई बढ़ोतरी पर कांग्रेस ने तीखा विरोध किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र उर्फ जीतू पटवारी ने कहा है कि राज्य सरकार ने अपना राजकोषीय घाटा पूरा करने के लिए आम जनता की जेब पर डाका डाला है।
राज्य सरकार ने सरकारी कार्यों में लगने वाली फीस, पंजीकरण और स्टांप ड्यूटी में भारी वृद्धि की है। इसी कारण से कांग्रेस ने अपनी आपत्ति जताई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को लिखे गए पत्र में कहा कि विधानसभा में पारित कुछ विधेयकों के माध्यम से आपने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राज्य सरकार आम जनता के हितों से खेल रही है।
पटवारी ने बताया कि राज्य में शपथ पत्र, प्रॉपर्टी एग्रीमेंट, सहमति पत्र, पावर ऑफ अटॉर्नी, लाइसेंस नवीनीकरण, और रजिस्ट्रियों में सुधार जैसे आवश्यक दस्तावेजों पर स्टांप शुल्क 100 प्रतिशत से लेकर 500 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। यह वृद्धि केवल आंकड़ों की बाजीगरी नहीं है, बल्कि उस आम आदमी की कमर तोड़ने की नीति है, जो पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार की चक्की में पिस रहा है। राज्य सरकार पर पहले से ही साढ़े चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है और हर महीने नए कर्ज लेकर आप प्रदेश की आने वाली पीढ़ियों को भी ऋण के बोझ में धकेल रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में फिजूलखर्ची बढ़ रही है। सरकारी योजनाओं की लागत 50 प्रतिशत कमीशन की भेंट चढ़ चुकी है। सरकार की हवाई यात्राएं, बंगले, गाड़ियां और प्रचार पर फिजूलखर्ची थमने का नाम नहीं ले रही है। इस प्रकार, लूट के इस जंगलराज की भरपाई अब जनता से की जा रही है। आम जनता की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने कहा कि यह सिर्फ एक पत्र नहीं, बल्कि जनता की पीड़ा और आक्रोश की आवाज़ है।