क्या महाराष्ट्र की समाजवादी पार्टी की चाबी देवेंद्र फडणवीस के पास है?

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क्या महाराष्ट्र की समाजवादी पार्टी की चाबी देवेंद्र फडणवीस के पास है?

सारांश

क्या महाराष्ट्र की समाजवादी पार्टी की चाबी देवेंद्र फडणवीस के पास है? एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने इस पर चर्चा की है, जो राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। जानें क्या है इस बयान के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • वारिस पठान ने कहा कि समाजवादी पार्टी की चाबी देवेंद्र फडणवीस के पास है।
  • अबू आजमी का गठबंधन न करने का बयान महत्वपूर्ण है।
  • पठान ने महाविकास अघाड़ी में सपा की भूमिका पर सवाल उठाए।
  • बीएमसी चुनाव में सपा का आत्मविश्वास।
  • राजनीतिक गठबंधन में सेक्युलर लोगों की एकता की आवश्यकता है।

मुंबई, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र की समाजवादी पार्टी की चाबी उत्तर प्रदेश में नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है। वारिस पठान का यह बयान महाराष्ट्र सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने किसी अन्य दल से गठबंधन न करने की बात कही थी।

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के बयान पर वारिस पठान ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि देवेंद्र फडणवीस जितनी सीटों पर चुनाव लड़ाना चाहेंगे, समाजवादी पार्टी उतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पहले भी यह महाविकास अघाड़ी का हिस्सा थे, पर चुनाव में क्या हुआ? सपा, उद्धव ठाकरे की पार्टी, कांग्रेस और एनसीपी ने मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाई, और कांग्रेस ने जहाँ प्रत्याशी उतारे, वहीं सपा ने भी। यह एक फ्रेंडली फाइट थी, जिसका परिणाम क्या हुआ? भाजपा जीत गई।

वारिस पठान ने कहा कि आदित्य ठाकरे ने मीडिया के सामने कहा कि चुनाव में सपा ने भाजपा की मदद की। उन्होंने भाजपा की बी टीम की तरह काम किया। अभी भी इनका यही काम है।

पठान ने बताया कि हमने भी गठबंधन में शामिल होने की बात की थी, लेकिन उन्हें घमंड था और उन्होंने हमें शामिल नहीं किया। हम अकेले लड़ेंगे और बीएमसी के चुनाव में जनता का समर्थन प्राप्त करेंगे। हमारे कई उम्मीदवार बड़े अंतर से जीतेंगे। हम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, इसकी जानकारी जल्द दी जाएगी।

गौरतलब है कि अबू आजमी ने कहा था कि हम किसी से गठबंधन नहीं करेंगे। गठबंधन में कांग्रेस मुख्य पार्टी होती है, लेकिन अंतिम समय में यह हमसे गठबंधन तोड़ देती है। हम वोटों का बंटवारा नहीं चाहते, बल्कि चाहते हैं कि सभी सेक्युलर लोग साथ में चुनाव लड़ें, ताकि वोटों का बंटवारा न हो, लेकिन बड़ी पार्टियां चाहती हैं कि समाजवादी पार्टी समाप्त हो जाए।

Point of View

यह कहना उचित है कि राजनीति में ऐसे बयान अक्सर सामने आते हैं। वारिस पठान का बयान एक रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो आगामी चुनावों की तैयारियों को प्रभावित कर सकता है। यह स्थिति राजनीतिक दलों के बीच की प्रतिस्पर्धा को और अधिक रोचक बनाती है।
NationPress
28/11/2025

Frequently Asked Questions

वारिस पठान का बयान कब आया?
यह बयान 19 नवंबर को आया था।
अबू आजमी ने क्या कहा था?
अबू आजमी ने कहा था कि वे किसी से गठबंधन नहीं करेंगे।
भाजपा की जीत पर वारिस पठान का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि सपा ने भाजपा की मदद की है।
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