क्या ममता बनर्जी बंगाल को 'मिनी पाकिस्तान' बनाने का प्रयास कर रही हैं? : अजय आलोक

सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी पर आरोप है कि वे बंगाल की कानून व्यवस्था को कमजोर कर रही हैं।
- कांवड़ यात्रा में उत्पन्न व्यवधान की जांच की जा रही है।
- छांगुर बाबा से जुड़े मामलों की गहराई से जांच की जा रही है।
- बिहार में रोजगार के वादे को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
- 'उदयपुर फाइल्स' पर रोक न्यायालय के निर्णय का इंतजार कर रही है।
नई दिल्ली, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने रविवार को देश के विभिन्न हिस्सों में हुए हालिया घटनाक्रमों पर अपनी स्पष्ट राय प्रस्तुत की। उन्होंने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था, दिल्ली में कांवड़ यात्रा में उत्पन्न व्यवधान, बिहार चुनाव, छांगुर बाबा प्रकरण और उदयपुर फाइल्स फिल्म पर लगी रोक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कन्हैया लाल की पत्नी के पत्र तक पर अपने विचार साझा किए।
कोलकाता में एक युवती के साथ हुई बलात्कार की घटना पर टिप्पणी करते हुए अजय आलोक ने कहा कि कोलकाता में टीएमसी के गुंडों का जमावड़ा हो चुका है। विश्वविद्यालय प्रशासन असमर्थ है, और पुलिस टीएमसी की एजेंट बन चुकी है। ममता बनर्जी बंगाल को 'मिनी पाकिस्तान' बनाने के लिए प्रयासरत हैं। कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है।
शाहदरा में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर कांच के टुकड़े मिलने पर उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि इसके पीछे कौन है। कुछ लोग सांप्रदायिक माहौल को खराब करने की योजना बना रहे हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
छांगुर बाबा से जुड़े खुलासों पर अजय आलोक ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है। हर पहलू की जांच हो रही है, चाहे वह फंडिंग हो या संपर्क सूत्र। ऐसे बाबाओं का जाल देशभर में फैला हुआ हो सकता है। यह धर्म के नाम पर चलने वाला एक रैकेट है, जिसे तोड़ना अत्यंत आवश्यक है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतदाता सूची की पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि 2003 में भी 31 दिन में चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया कर ली थी, इस बार भी आयोग समय पर कार्य पूरा कर लेगा। किसी भी मतदाता को डरने की आवश्यकता नहीं है। विपक्ष विदेशी नागरिकों को मतदाता बनाकर संसद पहुंचाना चाहता है, जो अत्यंत शर्मनाक है।
नौकरी और रोजगार के संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा पर उन्होंने कहा कि 2020 में 20 लाख रोजगार का वादा किया गया था, लेकिन 40 लाख लोगों को रोजगार मिला। बिहार में इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग में वृद्धि होगी, तो एक करोड़ रोजगार प्रदान करना कोई बड़ी बात नहीं है। यह एक व्यावहारिक घोषणा है, न कि केवल चुनावी वादा।
राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा के लिए चार नामों की घोषणा पर आलोक ने कहा कि ये सभी लोग अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान दे चुके हैं। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं और विश्वास है कि वे देश की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
'उदयपुर फाइल्स' पर लगी रोक और कन्हैयालाल की पत्नी के प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र पर उन्होंने कहा कि यह मामला अभी न्यायालय में है। प्रधानमंत्री इसमें हस्तक्षेप नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि क्या सही है और क्या गलत। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसकी भी सीमाएं हैं।
गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ऐसी मानसिकता पर प्रहार होना चाहिए। सामाजिक संगठनों, परिवारों और हर व्यक्ति को इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।