क्या ममता बनर्जी फर्जी वोटरों की सूची से डरी हुई हैं?: प्रदीप भंडारी
सारांश
Key Takeaways
- ममता बनर्जी का फर्जी वोटरों के प्रति डर
- भाजपा का आरोप, टीएमसी की बौखलाहट
- बंगाल में चुनावी सुधार की प्रक्रिया
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद फिर से उभरा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी पर तीखा हमला किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी 'फर्जी वोटरों की सफाई प्रक्रिया' से भयभीत हैं, और यही कारण है कि टीएमसी अब घबराई हुई है।
प्रदीप भंडारी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' खाते पर कहा, "क्या ममता बनर्जी फर्जी वोटरों के नष्ट होने से चिंतित हैं? टीएमसी अब पूरी तरह से उत्तेजित है, क्योंकि बंगाल की लोकतांत्रिक प्रक्रिया से फर्जी वोटरों का वर्चस्व समाप्त हो रहा है।"
उन्होंने आगे कहा कि ममता बनर्जी का यह 'शोर जनता के लिए नहीं है,' बल्कि उन वोटरों के लिए है जिन पर उनकी राजनीति टिकी हुई है।
भंडारी के अनुसार, ममता का 'सबसे बड़ा अवैध वोट बैंक' तीन हिस्सों में विभाजित है, जिसमें अवैध प्रवासी, फर्जी वोटर आईडी धारक और कट-मनी से जुड़े लोग शामिल हैं।
प्रदीप भंडारी ने कहा, "ममता बनर्जी जानती हैं कि जब फर्जी नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे, तब उनकी घुसपैठ पर आधारित राजनीति ढह जाएगी।"
उन्होंने कहा कि बंगाल में लंबे समय से फर्जी वोटिंग और अवैध घुसपैठ की राजनीति हो रही है, लेकिन अब एसआईआर प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची की सफाई होने से यह खेल समाप्त होने वाला है।
भंडारी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के अंत में कहा, "ममता बनर्जी को जाना होगा, ताकि पश्चिम बंगाल को अवैध घुसपैठ और फर्जी वोटिंग से सुरक्षित रखा जा सके।"
राजनीतिक हलकों में प्रदीप भंडारी के इस बयान पर चर्चा तेज हो गई है। भाजपा समर्थक इसे 'सच्चाई का आईना' बता रहे हैं, जबकि टीएमसी ने इसे 'राजनीतिक प्रोपेगेंडा' कहा है।