क्या मौलानाओं ने भड़काकर बरेली हिंसा कराई है? दानिश आजाद अंसारी का बयान

सारांश
Key Takeaways
- बरेली हिंसा के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है।
- कुछ मौलानाओं पर लोगों को भड़काने का आरोप है।
- राजनीतिक इस्तेमाल से बचने की आवश्यकता है।
- विकास और शिक्षा की ओर अग्रसर होना चाहिए।
- जीएसटी सुधारों से आम जनता को लाभ होगा।
लखनऊ, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बरेली में हुई हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन जारी है। प्रशासन की ओर से हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि कुछ मौलानाओं ने लोगों को भड़काकर यह हिंसा कराई है, जो कि पूरी तरह से गलत है।
दानिश आजाद अंसारी ने राष्ट्र प्रेस से वार्ता करते हुए बताया, "हमारे समाज के कुछ तत्वों ने लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर किया है। इसमें विशेष रूप से कुछ मौलानाओं ने लोगों को बहकाने की कोशिश की है। यह निंदनीय है।"
उन्होंने कहा कि मैं विशेष रूप से अपने समाज के भाइयों से अपील करता हूं कि हमें किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। हमें राजनीतिक इस्तेमाल से बचना चाहिए। हम सभी को विकास और शिक्षा की ओर अग्रसर होना है। यदि किसी बात पर असहमति हो, तो उसे संवैधानिक तरीके से व्यक्त करना चाहिए। कानपुर की घटना पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां 'आई लव मुहम्मद' लिखने पर कोई एफआईआर नहीं हुई।
बिहार में अंतिम मतदाता सूची जारी होने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता जानते हैं कि बिहार की राजनीति में उनकी जमीन खिसक चुकी है। जनता ने एक स्वर से कांग्रेस पार्टी और अन्य विपक्षी दलों को नकार दिया है। जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। यही कारण है कि विपक्ष परेशान है।
जीएसटी पर दानिश आजाद अंसारी ने कहा, "नए जीएसटी सुधारों ने देश के मध्यमवर्गीय परिवारों और गरीबों को आगे बढ़ाने में मदद की है। हम कह सकते हैं कि जीएसटी रिफॉर्म से आम जनमानस को सीधा लाभ होगा।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बारे में उन्होंने कहा कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। मंत्री अंसारी ने कहा कि कांग्रेस का शासनकाल 2014 से पहले का था, जिसमें देश में शासन कमजोर था। यह सच है कि कांग्रेस ने आतंकवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया।