क्या विकसित भारत पीएम मोदी का लक्ष्य है? सुशासन और सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता : संजय निरुपम

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का 'विकसित भारत' का लक्ष्य
- भारत की अर्थव्यवस्था का वर्तमान स्थान
- आरएसएस की 100 वर्ष की यात्रा
- राष्ट्रीय हितों की रक्षा का संकल्प
- सुरक्षा नीतियों पर जोर
मुंबई, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए विकास, सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों पर प्रकाश डाला। अपने भाषण में पीएम मोदी ने 'विकसित भारत' के अपने दृष्टिकोण को पुनः प्रस्तुत किया, जिसे शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने दूरदर्शी करार दिया।
संजय निरुपम ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि पीएम मोदी का 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देश के 140 करोड़ नागरिकों के लिए एक साझा लक्ष्य है। भारत आज चावल, गेहूं, सब्जियों, दूध और मछली उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, देश की अर्थव्यवस्था अब विश्व की चौथी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुकी है, जो पहले 11वें स्थान पर थी।
संजय निरुपम ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया है कि भारत अपने हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। भारत के हितों में किसानों, डेयरी किसानों, मछुआरों, व्यापारियों, लघु एवं मध्यम व्यापारियों, युवाओं, महिलाओं और सभी नागरिकों के हित शामिल हैं। चाहे अमेरिका हो या कोई अन्य शक्ति, भारत किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा और अपने पैरों पर खड़ा रहेगा। भारत का संकल्प आत्मनिर्भरता और नागरिकों के हितों की रक्षा के साथ प्रगति करना है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भी प्रशंसा की, जो इस वर्ष अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। इसको लेकर संजय निरुपम ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है, जिसकी शुरुआत 1925 में हुई थी। यह संगठन पिछले एक सदी से राष्ट्र निर्माण, व्यक्तित्व निर्माण और राष्ट्रवादी भावना के प्रसार में कार्यरत है। आरएसएस से जुड़े लाखों स्वयंसेवक भारत और विदेशों में सक्रिय हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस शताब्दी वर्ष पर सभी स्वयंसेवकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना गैर-सरकारी संगठन है, और 100 वर्षों तक लगातार, बिना रुके सेवा करना असाधारण उपलब्धि है, जो प्रेरणा का स्रोत है।
संजय निरुपम ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें की हैं। उन्होंने कहा कि "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते," जिसका सीधा अर्थ है कि सिंधु जल समझौते को रद्द करने के बाद उस पर फिर से विचार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से भारत ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया है। भारत पाकिस्तान की धमकियों से डरेगा नहीं और उससे लड़ेगा।