क्या ईडी ने अवैध संपत्ति मामले में राजकोट टाउन प्लानिंग ऑफिसर के खिलाफ कार्रवाई की?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कार्रवाई की।
- मनसुखभाई सागठिया पर गंभीर आरोप हैं।
- अचल संपत्तियों का उपयोग अपराध की रकम सफेद करने में किया गया।
- 21.61 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की गई।
- जांच अभी जारी है, और नए तथ्य सामने आ सकते हैं।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अहमदाबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक महत्वपूर्ण मामले में सख्त कार्रवाई की है। ईडी ने मनसुखभाई धनजीभाई सागठिया और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ विशेष अदालत (पीएमएलए) अहमदाबाद के मिर्जापुर में एक विस्तृत अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है। यह कार्रवाई 24 नवंबर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई।
ईडी ने अपनी जांच एसीबी, राजकोट द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर आरंभ की। आरोप है कि 1 अप्रैल 2012 से 31 मई 2024 के बीच मनसुखभाई सागठिया ने अपने ज्ञात स्रोतों से 24.31 करोड़ रुपए की अधिक संपत्ति अर्जित की।
मनसुखभाई उस समय राजकोट के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में टाउन प्लानिंग ऑफिसर के पद पर तैनात थे और एक सार्वजनिक सेवक रहते हुए उन्होंने भारी मात्रा में अचल एवं चल संपत्तियां इकट्ठा कीं।
जांच के दौरान यह पता चला कि 27 फरवरी 2015 से 27 जून 2022 के बीच मनसुखभाई ने अपने बेटे केयूर मनसुखभाई सागठिया और पत्नी भावनाबेन मनसुखभाई सागठिया के नाम पर राजकोट हेड पोस्ट ऑफिस में कई रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) खाते खोले थे।
इन खातों के स्टेटमेंट की जांच में सामने आया कि इन आरडी खातों में नियमित रूप से कैश में जमा किया जाता था। आरडी अकाउंट्स बंद होने के बाद प्राप्त राशि का उपयोग अचल संपत्तियों की खरीद में किया गया।
ईडी के अनुसार, यह पूरी प्रक्रिया अपराध से अर्जित धन (पीओसी) को सफेद करने का एक तरीका था। जांच में यह भी सामने आया कि मनसुखभाई ने अपराध की रकम को कई अचल और चल संपत्तियों, पत्नी और बेटे के अनेक बैंक खातों के माध्यम से घुमाया। अब तक की जांच में 1.5 लाख रुपए का पुख्ता पीओसी चिह्नित हो चुका है।
ईडी ने बताया कि 29 अप्रैल 2025 को पीएमएलए की धारा 5 के तहत 21.61 करोड़ रुपए की भारी-भरकम चल एवं अचल संपत्ति को अटैच किया गया। इसमें कैश, सोना-चांदी के आभूषण, हीरे, विभिन्न देशों की करेंसी, महंगी घड़ियां और कई कीमती अचल संपत्तियां शामिल हैं।