क्या नेपाल ने विवादित क्षेत्रों वाले बैंक नोट चलन में लाए हैं, जिससे भारत के साथ तनाव बढ़ सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- नेपाल ने नए 100 रुपये के नोट में विवादित क्षेत्रों का मानचित्र प्रदर्शित किया है।
- यह कदम भारत-नेपाल संबंधों में तनाव बढ़ा सकता है।
- नेपाल ने अपने राजनीतिक मानचित्र में इन क्षेत्रों को पांच वर्ष पहले शामिल किया था।
- नए नोटों को चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग द्वारा प्रिंट किया गया है।
- सिर्फ 100 रुपये के नोट पर मानचित्र छपा होता है।
काठमांडू, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार से 100 रुपये के नए नोट चलन में लाने की घोषणा की है, जिन पर भारत और नेपाल दोनों के दावे वाले विवादित क्षेत्रों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को दर्शाया गया है।
लगभग पांच वर्ष पहले, नेपाल ने अपने राजनीतिक मानचित्र में संशोधन कर इन क्षेत्रों को शामिल किया था। अब यह पहला अवसर है जब बैंक नोटों पर उस अद्यतन मानचित्र को प्रदर्शित किया गया है।
नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) के प्रवक्ता गुरु प्रसाद पौडेल ने बताया कि 100 रुपये के नोट पर मानचित्र को सरकार के निर्णय के अनुसार अद्यतन किया गया है।
उन्होंने कहा, “चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन द्वारा 100 रुपये के तीन सौ मिलियन नोटों की आपूर्ति के बाद हमने उन्हें चलन में ला दिया है।”
वर्ष 2020 में भारत द्वारा विवादित क्षेत्रों को शामिल करते हुए नया मानचित्र जारी करने के बाद नेपाल ने भी अपना मानचित्र प्रकाशित किया था, जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के कार्यकाल में संविधान में संशोधन कर इन क्षेत्रों को आधिकारिक रूप से नेपाल की भूमि घोषित किया गया था। इस कदम के बाद भारत-नेपाल संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए थे।
ये क्षेत्र नेपाल की उत्तर-पश्चिमी सीमा तथा भारत के उत्तराखंड राज्य के बीच स्थित हैं। दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद यह सीमा विवाद अभी तक सुलझ नहीं सका है और द्विपक्षीय संबंधों में लगातार एक संवेदनशील मुद्दे के रूप में बना हुआ है।
नेपाल राष्ट्र बैंक 5, 10, 20, 50, 100, 500 और 1,000 रुपये के नोट जारी करता है, लेकिन केवल 100 रुपये के नोट पर मानचित्र छपा होता है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, अभी केवल इसी नोट पर मानचित्र का अद्यतन किया गया है।