क्या चुनाव आयोग भाजपा की चुनावी धांधली में सहयोगी बनकर काम कर रहा है? : केसी वेणुगोपाल
सारांश
Key Takeaways
- बिहार चुनाव के नतीजे असली जनादेश नहीं थे।
- रिश्वतखोरी और गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं।
- चुनाव आयोग भाजपा की चुनावी धांधली में सहयोगी का काम कर रहा है।
- कांग्रेस ने जनादेश को चुराने का आरोप लगाया है।
- लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई जारी है।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद केसी वेणुगोपाल ने बताया कि दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की अध्यक्षता में बिहार के नेताओं के साथ एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में बिहार चुनाव के नतीजों पर विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने सोशल मीडिया पर किए गए एक एक्स पोस्ट में लिखा कि आज कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता की लीडरशिप में बिहार के हमारे उम्मीदवारों और नेताओं के साथ चार घंटे की समीक्षा बैठक हुई। इससे यह स्पष्ट हो गया कि बिहार चुनाव असली जनादेश नहीं था, बल्कि एक बहुत प्रबंधित और मनगढ़ंत नतीजा था।
उन्होंने बताया कि कैसे एसआईआर ने तय वोटर्स के नाम हटाए और गलत नाम जोड़े, कैसे तथाकथित मुख्यमंत्री रोजगार योजना के तहत नकद रिश्वत का इस्तेमाल पोलिंग स्टेशनों पर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया गया। यह सब एक ऐसे पैटर्न को सामने लाया, जिसे कोई भी निष्पक्ष चुनाव आयोग कभी नजरअंदाज नहीं कर सकता था।
उन्होंने कहा कि ये मुद्दे चुनाव में गड़बड़ी और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की ओर इशारा करते हैं, जो चुनाव आयोग की निगरानी में किया गया, जो भाजपा की चुनावी धांधली में एक सक्रिय सहयोगी के रूप में कार्य कर रहा है।
उनका आरोप है कि बिहार में जो हुआ, वह लोकतंत्र पर सीधे हमले के समान है। कांग्रेस पार्टी इस चुराए गए जनादेश को नया सामान्य नहीं बनने देगी। भारत के लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई जारी है, बिना डरे, बिना रुके और लोग हमारे साथ हैं।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की बुरी हार हुई है। इसके बाद कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग पर सवाल उठाए गए। एसआईआर और वोट चोरी को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में एक बड़ी रैली आयोजित करने जा रही है।