क्या राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के सही दिशा में चल रहे चुनाव को बिगाड़ दिया?

Click to start listening
क्या राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के सही दिशा में चल रहे चुनाव को बिगाड़ दिया?

सारांश

बिहार चुनाव में स्थिति को लेकर संजय निरुपम ने राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। क्या कांग्रेस को अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत है? जानें इस रोचक कहानी के प्रमुख बिंदु।

Key Takeaways

  • बिहार चुनाव में कांग्रेस की स्थिति चुनौतीपूर्ण है।
  • तेजस्वी यादव को सही दिशा में चलने की आवश्यकता है।
  • मराठा आरक्षण को लेकर सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
  • जीएसटी में सुधार व्यापारियों के लिए सहायक है।
  • लोकतंत्र की मजबूती के लिए सहयोग आवश्यक है।

मुंबई, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित शब्दों के उपयोग को लेकर बिहार में पांच घंटे का बंद बुलाया गया। इस पर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कांग्रेस और राजद पर तीखा प्रहार किया।

शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा कि बिहार चुनाव का रुझान लगभग तय है, लेकिन कांग्रेस अभी भी स्थिति नहीं समझ पाई, जबकि तेजस्वी यादव को इसका एहसास हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के सही दिशा में चल रहे चुनाव को बिगाड़ दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को अपशब्द कहना बिहार की महिलाओं को आहत करने वाला कदम था, जिसके कारण बिहार में पांच घंटे का बंद रहा। निरुपम ने कहा कि बिहार का समाज सभ्य और सुसंस्कृत है, जो ऐसी भाषा स्वीकार नहीं करता। अंततः यह गलती कांग्रेस और राजद की साबित हुई है, जिससे चुनाव एनडीए के पक्ष में दिख रहा है।

निरुपम ने मराठा आंदोलन को लेकर कहा कि मराठा समाज को आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल अपने समाज के प्रतिनिधियों के साथ मुंबई आए और आमरण उपवास पर बैठ गए थे। सरकार ने उनकी आठ में से छह मांगों को मान लिया, जिसमें मुख्य मांग थी कि हैदराबाद निजाम के गजेटियर को लागू किया जाए, क्योंकि उसमें मराठा समाज के बारे में उल्लेख है कि वे ओबीसी कैटेगरी में आ सकते हैं। सरकार ने यह गजेटियर लागू करते हुए लगभग 8 लाख मराठा युवकों को ओबीसी का प्रमाणपत्र भी दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने ध्यान रखा है कि ओबीसी समाज के आरक्षण को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे और मराठा समाज के युवाओं को भी शिक्षा में पर्याप्त कोटा मिले ताकि वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें और प्रगति कर सकें।

शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने जीएसटी में किए गए सुधार का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 2017 में जीएसटी लागू होना एक नई व्यवस्था थी और शुरुआत में उसमें खामियां स्वाभाविक थीं। अब आठ साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सुधार कर जीएसटी को सरल बनाया है और इसे दो स्लैब पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत में सीमित किया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव व्यापारियों, छोटे और मध्यम वर्ग के लिए राहत देने वाला है। निरुपम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो पार्टी पहले जीएसटी सुधार की मांग करती थी, अब उसी का विरोध कर रही है। उन्होंने इसे जनता के हित में बड़ा कदम बताया। कांग्रेस की मांग थी कि जीएसटी व्यवस्था में सुधार होना चाहिए, अब सुधार का विरोध कर रहे हैं। कई विपक्षी लोगों का कहना है कि यह सुधार हमारे कहने पर किया गया। कांग्रेस को अपने दोहरेपन से बाज आना चाहिए और सुधार का स्वागत करना चाहिए।

निरुपम ने इसे किसी एक नेता की नहीं बल्कि लोकतंत्र की जीत बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होता है जब सरकार और विपक्ष समाजहित के मुद्दों पर मिलकर काम करें और जनता की आवाज को महत्व दें। यही लोकतांत्रिक व्यवस्था की असली पहचान है।

Point of View

तो सभी पार्टियों को अपने दृष्टिकोण को फिर से जांचने की आवश्यकता होती है। संजय निरुपम का यह बयान न केवल कांग्रेस की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत भी देता है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के चुनाव को कैसे प्रभावित किया?
संजय निरुपम के अनुसार, राहुल गांधी की गलत टिप्पणी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का व्यवहार तेजस्वी यादव के चुनाव के रुझान को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
मराठा आरक्षण पर सरकार का क्या कदम है?
सरकार ने मराठा आरक्षण की मांग को मानते हुए लगभग 8 लाख युवकों को ओबीसी का प्रमाणपत्र दिया है।
जीएसटी में सुधार का क्या महत्व है?
जीएसटी में सुधार से व्यापारियों और छोटे व्यवसायों को राहत मिलेगी, और यह एक महत्वपूर्ण कदम है।