क्या 'एसआईआर' के माध्यम से बैकडोर से एनआरसी लाने का प्रयास कर रही है सरकार?: टीएमसी सांसद सुष्मिता देव

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क्या 'एसआईआर' के माध्यम से बैकडोर से एनआरसी लाने का प्रयास कर रही है सरकार?: टीएमसी सांसद सुष्मिता देव

सारांश

क्या सरकार एसआईआर के माध्यम से बैकडोर से एनआरसी लाने का प्रयास कर रही है? टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने इस गंभीर आरोप को उठाया है। जानिए इस मुद्दे के पीछे का सच और इसका लोकतंत्र पर क्या असर होगा।

Key Takeaways

  • एसआईआर को लेकर विरोध बढ़ रहा है।
  • टीएमसी सांसद ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • यह प्रक्रिया लोकतंत्र के अधिकारों पर असर डाल सकती है।
  • भाजपा इसे सामान्य प्रक्रिया मानती है।
  • राजनीतिक दलों के बीच सांठगांठ का आरोप।

नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। निर्वाचन आयोग बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कर रहा है। इस प्रक्रिया का विरोध प्रदेश और देश की विपक्षी पार्टियों द्वारा किया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद सुष्मिता देव ने शनिवार को सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि एसआईआर के जरिए बैकडोर से एनआरसी लाने का प्रयास किया जा रहा है।

सुष्मिता देव ने कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया नागरिकता अधिनियम से संबंधित है। उन्होंने बताया, "इस विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) में जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता के दस्तावेजों की मांग की जाती है, जो सीधे नागरिकता अधिनियम की धारा 3 को दर्शाता है।"

उन्होंने केंद्र सरकार पर चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया और इस प्रक्रिया को बैकडोर से एनआरसी लाने का प्रयास बताया।

सुष्मिता देव ने कहा, "यह सिर्फ 'मतदाता सफाई' नहीं है। यह एक गंभीर प्रयास है। केंद्र की भाजपा सरकार चुनाव आयोग के माध्यम से बैकडोर से एनआरसी लाने की कोशिश कर रही है, जिससे यह एक नागरिकता परीक्षण में बदल रहा है।"

उन्होंने यह भी कहा, "वे लाखों लोगों को वंश साबित करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो बड़े पैमाने पर विघटन का कारण बन सकता है। यह हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों और नागरिकता पर एक हमला है।"

बिहार में इस वर्ष चुनाव होने हैं और प्रदेश में एसआईआर को लेकर बयानबाजी जारी है। विपक्षी दल एकजुट होकर एसआईआर का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने केंद्र सरकार तथा आयोग के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए लाखों मतदाताओं को वोट देने से वंचित करने का आरोप लगाया है।

वहीं, भाजपा एसआईआर को आयोग की सामान्य प्रक्रिया बता रही है, जिसके तहत फर्जी मतदाताओं की पहचान की जा सके।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम इस मुद्दे को गंभीरता से लें। चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आवश्यकता है। किसी भी प्रक्रिया को राजनीतिक उद्देश्य के लिए उपयोग करना लोकतंत्र को कमजोर करता है। हमें सभी पक्षों को सुनना चाहिए और मामले की गहराई में जाकर निष्कर्ष पर पहुँचना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का अर्थ है विशेष गहन पुनरीक्षण, जो निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची में सुधार के लिए किया जाता है।
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने क्या आरोप लगाए हैं?
उन्होंने आरोप लगाया है कि एसआईआर के माध्यम से सरकार बैकडोर से एनआरसी लाने का प्रयास कर रही है।
क्या भाजपा इस प्रक्रिया का समर्थन कर रही है?
हाँ, भाजपा इसे निर्वाचन आयोग की सामान्य प्रक्रिया मानती है।