क्या तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को अपना नेता माना है? : भाई जगताप
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया।
- राहुल गांधी का राजनीतिक कद महत्वपूर्ण है।
- महागठबंधन में कांग्रेस और राजद का पुराना संबंध है।
- बीएमसी चुनाव में कांग्रेस का अलग रुख।
- सरफराज खान पर ढेर सारे विवाद।
मुंबई, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने गुरुवार को राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाई जगताप ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी का राजनीतिक कद बहुत बड़ा है और तेजस्वी यादव ने स्वयं बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल को अपना नेता बताया था। जगताप ने कहा कि सरेंडर की बात बेमानी है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी का कद न तो बिहार में घटा है और न ही विश्व स्तर पर। राहुल गांधी का कद काफी बड़ा है और विश्व इस बात को जानता है। कांग्रेस आज महागठबंधन के साथ मिलकर मजबूती से आगे बढ़ रही है। तेजस्वी यादव के सीएम फेस घोषित होने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले चुनाव में काफी मेहनत की। निश्चित रूप से वह सीएम फेस हैं।
जगताप ने कहा कि महागठबंधन में कांग्रेस और राजद का साथ पुराना है। पिछली बार भी हमने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। लालू यादव की क्षेत्रीय पार्टी का बिहार में दबदबा है, और तेजस्वी ने नीतीश कुमार और भाजपा को सीधी टक्कर दी। पिछली बार भी सरकार बनने की उम्मीद थी, और तेजस्वी ने कड़ी मेहनत की थी।
उन्होंने कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो कांग्रेस के विधायकों को सत्ता में हिस्सेदारी मिलेगी।
कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद के बयान, जिसमें उन्होंने क्रिकेटर सरफराज खान को उनके सरनेम के कारण भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर रखे जाने का आरोप लगाया। इस पर जगताप ने कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि ऐसी बातें बचकानी और बेवकूफी भरी हैं। भारतीय क्रिकेट में हिंदू-मुस्लिम का कोई सवाल नहीं। टी20, वनडे और टेस्ट के लिए अलग-अलग टीमें बनती हैं। मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज देश के लिए खेल चुके हैं। प्रतिभा के आधार पर खिलाड़ियों को मौका मिलता है, न कि धर्म के आधार पर।
समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने के फैसले पर जगताप ने कहा कि यह उनका फैसला है और इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं। पहले सपा की मुंबई में मजबूत पकड़ थी, कभी उनके 28 पार्षद थे, लेकिन अब उनकी संख्या दो या तीन रह गई है। अगर वे हमारे खिलाफ लड़ते हैं, तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
उन्होंने ओवैसी की पार्टी को 'भाजपा की बी-टीम' करार देते हुए कहा कि अगर सपा भी ऐसा रुख अपनाए, तो कांग्रेस को कोई परेशानी नहीं। कांग्रेस का मतदाता हमारे साथ है।
उन्होंने कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ के बयान पर कहा कि उनसे पूछा जाना चाहिए कि मीटिंग में कुछ और प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ, क्यों कहा। मैं हमेशा स्पष्ट रहा हूं कि हमें बीएमसी चुनाव अकेले लड़ना चाहिए। पहले भी हम शिवसेना (यूबीटी) के साथ नहीं लड़े। कांग्रेस का कुनबा बढ़ाने के लिए कार्यकर्ताओं को मौका देना जरूरी है।