क्या उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार हो रहा है, कार्रवाई क्यों नहीं होती? - सपा प्रवक्ता फखरुल हसन

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं।
- एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला दिया गया है।
- सपा ने इन मामलों पर विरोध जताया है।
- सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देने का संकल्प।
लखनऊ, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के उस सोशल मीडिया पोस्ट का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने एनसीआरबी के आंकड़ों का संदर्भ देते हुए कहा है कि दलितों पर अत्याचार के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।
सपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले होते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "करणी सेना के लोग बुलडोजर लेकर दलित सांसद के घर पहुंच जाते हैं। जब वे कहीं जा रहे होते हैं, तो उन पर हमले होते हैं, लेकिन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती।" उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव में इसका जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देने का संकल्प लिया है।
फखरुल हसन चांद ने संभल की घटना पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "संभल की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकार के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है।"
उन्होंने भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान शुरू होने पर कहा कि पड़ोसी देशों से रिश्ते बेहतर बनाने की आवश्यकता है, जिससे युवाओं को रोजगार और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में यह संभव नहीं है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के "लोकतंत्र खतरे में" वाले बयान पर सपा प्रवक्ता ने कहा कि जब भी भाजपा पर सवाल उठाए जाते हैं, वे आलोचकों को देशद्रोही करार देते हैं।
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान सना मीर के "आजाद कश्मीर" वाले बयान पर सपा नेता ने प्रतिक्रिया दी, "हमने पहले भी कहा है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच नहीं होना चाहिए।"
महिला विश्व कप में भारत-पाकिस्तान मैच पर उन्होंने कहा कि सपा जनभावना के साथ है, लेकिन पाकिस्तान के साथ मैच नहीं होना चाहिए।
बरेली में हाई अलर्ट पर उन्होंने कहा, "प्रशासन की जिम्मेदारी है कि शांति बनी रहे।"