क्या विपक्ष को अपनी सेना पर अटूट भरोसा नहीं करना चाहिए? : नूपुर शर्मा

सारांश
Key Takeaways
- नूपुर शर्मा ने विपक्ष की नीतियों पर सवाल उठाए।
- सीजफायर के मुद्दे पर सरकार को घेरा जा रहा है।
- विपक्ष को अपनी सेना पर विश्वास करना चाहिए।
फिरोजाबाद, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद में विपक्षी दल 'ऑपरेशन सिंदूर', पहलगाम हमले और सीजफायर के मुद्दे पर सरकार से प्रश्न पूछने में व्यस्त हैं। इसी बीच, नूपुर शर्मा ने बुधवार को विपक्ष की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल अपनी सरकार और मंत्रियों पर संदेह करते हैं, जबकि वे दूसरों पर भरोसा करते हैं।
वास्तव में, संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर वाले दावे के आधार पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्षी दल सरकार से स्पष्ट जवाब मांग रहे हैं।
नूपुर शर्मा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "संसद सत्र से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि विपक्ष का एकमात्र कार्य आर्मी, कानून-व्यवस्था, सरकार और मंत्रियों पर संदेह करना है। जबकि, दूसरों पर भरोसा करते हैं। कांग्रेस पार्टी कब पाकिस्तान परस्त हो जाती है, यह उन्हें समझ नहीं आता। उन्हें यह समझना चाहिए कि वे सरकार का विरोध करते-करते भारत का विरोध और फिर पाकिस्तान का पक्ष ले लेते हैं।"
उन्होंने कहा, "संसद की कार्यवाही मैंने ध्यान से सुनी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयानों को भी ध्यान से सुना। मेरे अनुसार, विपक्ष को संयम के साथ अपनी बात रखनी चाहिए। उन्हें कम से कम अपनी सेना पर अटूट भरोसा करना चाहिए।"
गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र में विपक्ष ट्रंप के सीजफायर वाले बयान पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इस पर प्रधान मंत्री से स्पष्ट प्रतिक्रिया देने की मांग की थी। पीएम मोदी ने चर्चा में भाग लेते हुए मंगलवार को उत्तर दिया। उन्होंने लोकसभा में कहा कि दुनिया के किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से नहीं रोका था।