क्या विपक्ष को भारतीय वोटरों पर विश्वास नहीं है? : सतीश चंद्र दुबे

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण के खिलाफ मोर्चा खोला है।
- सतीश चंद्र दुबे का आरोप है कि विपक्ष को वोटरों पर भरोसा नहीं है।
- चुनाव आयोग के निर्णय सभी के लिए समान हैं।
- भाजपा ने ओवैसी के आरोपों को नकारा है।
पटना, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। इस सिलसिले में, केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि विपक्ष को भारतीय वोटरों पर विश्वास नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग के सभी निर्णय सभी पार्टियों के लिए समान हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों के लिए नियम बनाए हैं। एनडीए को कोई समस्या नहीं है। केवल इंडी गठबंधन को परेशानी है, जो दर्शाता है कि उन्हें बिहार के, भारत के वोटरों पर भरोसा नहीं है।
तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के कारखाने से आए बांग्लादेशी वोटरों का नाम जुड़वाने की कोशिश की जा रही है, और इसी वजह से यह सब परेशानी हो रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी एसआईआर पर चर्चा की। उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के आरोपों को नकारते हुए कहा कि इस देश में सभी निवासियों को रहने का अधिकार है। किसी को भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
इस बीच, बिहार के मंत्री मंगल पांडेय ने ओवैसी के बयानों पर कहा कि यह सब केवल बिहार चुनाव को लेकर किया जा रहा है, लेकिन इसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि ओवैसी को पहले इंडी गठबंधन की किसी पार्टी में विलय कर दिया जाना चाहिए।
बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के बीएलओ के घर जलाए जाने के बयानों पर उन्होंने कहा कि अमर्यादित भाषा वही लोग इस्तेमाल कर रहे हैं जो हताश और निराश हैं। ये लोग चुनाव के भविष्य के परिणाम से डर गए हैं।