क्या ये राम राज्य है, बाबर का देश नहीं? : धर्मशीला गुप्ता
सारांश
Key Takeaways
- राम राज्य का समर्थन करना आवश्यक है।
- बाबर का नाम लेकर मस्जिद बनाना विवादास्पद है।
- समाज में एकता की आवश्यकता है।
- राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए।
- धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना चाहिए।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर भाजपा की राज्यसभा सांसद धर्मशीला गुप्ता ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि ये राम राज्य है, ये बाबर का देश नहीं है। उन्होंने कहा कि बाबर का समर्थन करने वाले लोग देशद्रोही हैं। इसके अतिरिक्त, यूपी सरकार के मंत्री ओपी राजभर, आचार्य प्रमोद कृष्णम और मौलाना यासूब अब्बास ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है。
धर्मशीला गुप्ता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि ममता दीदी के निर्देश पर राजनीतिक गुंडे काम करते हैं, जो समाज के कमजोर वर्गों को निशाना बनाते हैं, लोगों को उनके घरों से बेदखल करते हैं और यहां तक कि महिलाओं के खिलाफ अपराध भी करते हैं। हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखना पूरी तरह से राष्ट्रीय हित के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि हमारा भारत सनातन संस्कृति और सभ्यता वाला एक हिंदू राष्ट्र है। हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद के लिए नींव रखना गलत है।
ओपी राजभर ने कहा कि ममता दीदी ने जिस नेता को अपनी पार्टी से बाहर निकाला है, वह अब सियासत कर रहे हैं।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "भारत में कहीं भी मस्जिद बनाना स्वागत योग्य है, लेकिन बाबर के नाम पर मस्जिद बनाना हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाता है।"
उन्होंने ममता बनर्जी से अनुरोध किया कि पश्चिम बंगाल भी भारत का हिस्सा है और भारत को लूटने वालों के नाम पर मस्जिद और इमारतें नहीं बननी चाहिए। बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने से भावनाएं आहत होती हैं।
इसके साथ ही, ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे हिंदू और मुसलमानों के बीच टकराव उत्पन्न करने की कोशिशें हैं।