क्या लद्दाख में सुरक्षा समीक्षा बैठक ने शेष प्रतिबंधों में ढील का आश्वासन दिया?

सारांश
Key Takeaways
- लद्दाख के विकास के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता।
- शांति और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
- सामुदायिक जुड़ाव और सहयोग पर जोर।
- एहतियाती प्रतिबंधों की समीक्षा जल्द होगी।
- जनता का अनुशासन महत्वपूर्ण है।
लेह, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए हुए उग्र प्रदर्शन पर उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने रविवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि निरंतर शांति ही प्रगति का आधार है और प्रशासन लद्दाख के विकास, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने लेह में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शेष प्रतिबंधों में चरणबद्ध ढील देने का आश्वासन दिया।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. पवन कोतवाल, पुलिस महानिदेशक डॉ. एस.डी. सिंह जामवाल, डीआईजी श्रीनगर दक्षिण पी.के. सिंह, लेह के उपायुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सीओ 79 संजय कुमार और सीओ 25 रजत जैन सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
अधिकारियों ने उपराज्यपाल को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया कि लद्दाख में शांति बनी हुई है और दैनिक जीवन व सार्वजनिक गतिविधियां सुचारू हैं।
उपराज्यपाल ने प्रशासन, सुरक्षा बलों और लोगों के सहयोग की सराहना की। हालिया ढील के दौरान शांति बनाए रखने के लिए जनता के अनुशासन व जिम्मेदारी की प्रशंसा की।
उन्होंने एजेंसियों के बीच समन्वय बनाए रखने, सतर्कता, सक्रिय भागीदारी और सामुदायिक जुड़ाव पर जोर दिया। प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उपराज्यपाल ने कहा कि एहतियाती प्रतिबंधों की जल्द समीक्षा होगी और स्थिरता बनी रहने पर इन्हें हटाया जाएगा। प्रशासन पूर्ण सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। पारदर्शी, जवाबदेह और जनकेंद्रित शासन पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार और जनता के सामूहिक प्रयास लद्दाख को शांति और प्रगति के पथ पर ले जाएंगे।
यह बैठक 24 सितंबर को हुई हिंसा के बाद लगाए गए कर्फ्यू और प्रतिबंधों के बाद हुई है, जब राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग पर प्रदर्शन हिंसक हो गए। इसमें चार लोगों की जानें गईं और 80 से अधिक लोग घायल हुए।