क्या लखनऊ में अनामिका सिंह हत्याकांड के दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई?
                                सारांश
Key Takeaways
- अनामिका सिंह की हत्या का मामला समाज में सुरक्षा की आवश्यकता को दिखाता है।
 - अदालत का फैसला एक सख्त सजा का संकेत है।
 - इस मामले में जघन्य अपराध के लिए कड़ी सजा दी गई है।
 - लूट की साजिश ने एक निर्दोष महिला की जान ली।
 - समाज को ऐसे अपराधों के प्रति सजग रहना चाहिए।
 
लखनऊ, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो साल पहले हुए अनामिका सिंह हत्याकांड पर अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया है।
अदालत ने चिनहट इलाके में अनामिका सिंह की निर्मम हत्या करने वाले किराएदार अर्जुन सोनी और उसके साथी वीरेंद्र कुमार यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों आरोपियों ने घर में लूट की साजिश रची थी, जिसमें असफल होने पर उन्होंने दो वर्षीय मासूम बेटी के सामने ही अनामिका सिंह का बेरहमी से कत्ल कर दिया था।
यह घटना लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के भरवारा गांव में 19 मई 2023 को घटी थी। उस समय 36 वर्षीय अनामिका सिंह की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना की साजिश रचने वाला कोई और नहीं, बल्कि अनामिका सिंह के घर में रहने वाला किराएदार अर्जुन सोनी ही था। अर्जुन ने घर में लूट करने के लिए अपने साथी वीरेंद्र कुमार यादव को भी साथ लिया था।
पुलिस जानकारी के अनुसार, वीरेंद्र कुमार यादव फर्जी जियो फाइबर एजेंट बनकर घर में घुसा था। लूट करने में असफल होने पर उसने अनामिका सिंह पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई। हत्या के समय अनामिका सिंह की दो साल की बेटी भी घर में ही मौजूद थी।
पोस्टमार्टम में अनामिका सिंह की बॉडी पर चाकू से हमले के 34 निशान मिले थे। पुलिस ने जांच के दौरान मौके से ब्लैक कलर की मंकी कैप और एक फेक परिचय पत्र बरामद किया था, जबकि बाद में वीरेंद्र की निशानदेही पर खून लगा चाकू भी बरामद कर लिया गया था।
इस मामले में लखनऊ की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज बारनवाल की अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को दोषी ठहराया है। अदालत ने उनको 10-10 हजार रुपए के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।