क्या लखनऊ में राजभवन में बनेगी ‘स्पेस साइंस एंड इनोवेशन लैब’?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ावा मिलेगा।
- अंतरिक्ष विज्ञान और रोबोटिक्स पर कार्य करने का अवसर।
- एचडीएफसी बैंक का सहयोग शिक्षा में महत्वपूर्ण है।
- नवस्थापित लैब का उद्घाटन 26 जनवरी को होगा।
- कक्षा 10वीं तक की मान्यता प्राप्त विद्यालय।
लखनऊ, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में रविवार को राजभवन, लखनऊ और व्योमिका फाउंडेशन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) हुआ। इस समझौते के अनुसार राजभवन परिसर में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में एचडीएफसी बैंक के सीएसआर फंड से लगभग 12.5 लाख रुपए की लागत से 'स्पेस साइंस एंड इनोवेशन लैब' स्थापित की जाएगी।
इस पहल का उद्देश्य बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, खगोल विज्ञान और सैटेलाइट टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करना है। यह परियोजना व्योमिका फाउंडेशन द्वारा इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, अहमदाबाद के सहयोग से संचालित की जा रही है।
राज्यपाल ने कहा, "बच्चों में प्रारंभिक अवस्था से ही वैज्ञानिक जिज्ञासा और अनुसंधान की प्रवृत्ति को विकसित करना आवश्यक है। इस लैब से विद्यार्थियों को सैटेलाइट मॉडल, रोवर, ड्रोन और स्पेस मिशन सिमुलेशन जैसे अभिनव प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनका आत्मविश्वास और रचनात्मकता बढ़ेगी।"
राज्यपाल ने एचडीएफसी बैंक की इस सामाजिक पहल की सराहना करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र का सहयोग शिक्षा में सकारात्मक बदलाव ला रहा है और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जोड़ रहा है। राजभवन में निर्माणाधीन आदर्श विद्यालय और यह नवस्थापित लैब का उद्घाटन आगामी 26 जनवरी को किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “आने वाला युग स्पेस टेक्नोलॉजी का है, इसलिए बच्चों को इसी दिशा में शिक्षित और प्रशिक्षित करना जरूरी है। वे स्वयं इस परियोजना की प्रगति की निगरानी कर रही हैं, ताकि कार्य समय से और गुणवत्तापूर्वक पूरा हो।”
राज्यपाल ने कहा कि छोटे बच्चों में अपार आशा और अद्भुत कौशल छिपा है, उनकी इस प्रतिभा को दिशा देना ही हमारा कर्तव्य है।
उन्होंने बताया कि राजभवन विद्यालय के 8वीं पास विद्यार्थियों के लिए एचडीएफसी बैंक के सहयोग से स्मार्ट क्लासेज और नवाचार आधारित प्रशिक्षण शुरू किया गया है। माता-पिता और अध्यापक दोनों यह सुनिश्चित करें कि कोई बच्चा पढ़ाई से वंचित न रहे। उन्होंने चेतावनी दी, “यदि किसी बच्चे की अनुपस्थिति लगातार बनी रहती है तो मैं स्वयं उसके घर जाकर पूछूंगी कि वह विद्यालय क्यों नहीं जा रहा है।”
उन्होंने निर्देश दिया कि विद्यालय में प्रतिदिन प्रार्थना सभा के बाद महात्मा गांधी की आत्मकथा का एक अध्याय पढ़ाया जाए और उस पर चर्चा की जाए, ताकि बच्चों में नैतिकता और चरित्र निर्माण की भावना विकसित हो।
राज्यपाल ने यह भी बताया कि राजभवन परिसर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय को अब कक्षा 10वीं तक की मान्यता प्राप्त हो गई है और शीघ्र ही नए नामांकन शुरू किए जाएंगे।