क्या मध्य प्रदेश में मंजीत घोसी की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है?
सारांश
Key Takeaways
- मंजीत घोसी की गिरफ्तारी ने कांग्रेस में आक्रोश फैलाया।
- पुलिस का कहना है कि कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है।
- कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है।
नरसिंहपुर, २२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर से कांग्रेस कार्यकर्ता मंजीत घोसी को दिल्ली और राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम ने देर रात उनके घर से हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें दिल्ली ले जाया गया है। जानकारी के अनुसार, मंजीत घोसी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़े कुछ वीडियो और पोस्ट साझा किए थे, जिनमें उन्होंने भाजपा पर “वोट चोरी” करने का गंभीर आरोप लगाया था। कांग्रेस नेता के हिरासत में लिए जाने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में आक्रोश फैल गया।
मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एक्स पोस्ट में लिखा, "भाजपा की वोट चोरी उजागर होने के बाद अब सरकार बौखलाहट में विपक्ष की आवाज दबाने पर उतर आई है। हमारे साथी मंजीत घोसी की गिरफ्तारी इसी डर और घबराहट का सबूत है। पूरी कांग्रेस मंजीत के साथ मजबूती से खड़ी है और हर संभव लड़ाई के लिए तैयार भी है।"
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा, "नरसिंहपुर में कांग्रेस परिवार के साथी मंजीत घोषी की एक ट्वीट के संदर्भ में मध्यप्रदेश व दिल्ली पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी निंदनीय है! इस प्रकार की कार्रवाई लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रत्येक संघर्ष में अपने सिपाहियों के साथ मजबूती से खड़ी है।"
इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है। एडिशनल एसपी संदीप भूरिया ने बताया कि मंजीत घोसी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर दिल्ली और राजस्थान पुलिस की टीम उन्हें लेकर गई है। यह एक इंटर-स्टेट केस है और आगे की प्रक्रिया वहीं पूरी होगी।
इस कार्रवाई से मंजीत घोसी का परिवार स्तब्ध है। मंजीत के भाई लक्ष्मीकांत घोसी ने कहा कि हमें इस कार्रवाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। पुलिस अचानक घर पर आई और मेरे भाई को उठा ले गई। हम अभी भी नहीं जानते कि उनकी गलती क्या है।