क्या जीडीपी ग्रोथ से उत्साहित मनोज तिवारी ने वोकल फॉर लोकल अभियान को सराहा?
सारांश
Key Takeaways
- 8.2 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अर्थ स्वदेशी उत्पादों के प्रति बढ़ती हुई स्वीकृति है।
- मनोज तिवारी का मानना है कि लोग आत्मनिर्भरता की दिशा में एकजुट हो रहे हैं।
- आध्यात्मिक आयोजनों का समाज में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नई दिल्ली, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई–सितंबर) में 8.2 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने अपनी खुशी व्यक्त की है। उनका मानना है कि लगातार दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि यह दर्शाती है कि देश की जनता प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आरंभ किए गए स्वदेशी और वोकल फॉर लोकल अभियान को पूरी तरह से अपना रही है।
मनोज तिवारी ने कहा कि यह वृद्धि असामान्य और अत्यंत उत्साहजनक है, क्योंकि यह दिखाता है कि लोग आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर एकजुट होकर बढ़ रहे हैं। जब देशवासी सामूहिक रूप से एक दिशा में आगे बढ़ते हैं, तो ऐसे ही मजबूत आंकड़े सामने आते हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में नतीजे और भी बेहतर हो सकते हैं। उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि भारत का हर नागरिक सजग रहकर, देशहित को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़े, तभी हर प्रकार की सुविधाएं और विकास देश को मिलते रहेंगे।
यमुना विहार के एमटीएनएल ग्राउंड में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन, मनोज तिवारी ने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें साध्वी ऋतंभरा की कथा में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल था, क्योंकि दीदी ऋतंभरा केवल आध्यात्मिक प्रवचनों के लिए ही नहीं, बल्कि वृंदावन के वात्सल्य ग्राम में अनाथ बच्चों की देखभाल और सेवा-भाव के लिए भी जानी जाती हैं।
मनोज तिवारी ने कहा कि दीदी ऋतंभरा की वाणी में एक अद्वितीय शक्ति है। वे केवल धार्मिक ज्ञान ही नहीं, बल्कि अंतर्मन को छू लेने वाला संदेश भी देती हैं। सैकड़ों लोग कथा में शामिल हुए और सभी का अनुभव एक समान था कि विज्ञान का ज्ञान अलग है, लेकिन अंतर्मन का ज्ञान एक अलग ऊर्जा प्रदान करता है। उनके शब्दों में गहराई और सकारात्मकता झलकती है।
तिवारी ने कहा कि उन्होंने और क्षेत्रवासियों ने मिलकर कथा में पूरे मन से भाग लिया और दीदी ऋतंभरा का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि ऐसे आध्यात्मिक आयोजन समाज में सकारात्मकता, एकता और अच्छे विचारों का प्रसार करते हैं।