क्या मैं सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती में शामिल होकर गर्वित महसूस कर सकती हूं? : मानसी जोशी
सारांश
Key Takeaways
- युवा प्रतिभागियों का उत्साह और भागीदारी
- स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का संदेश
- संविधान दिवस की 76वीं वर्षगांठ का महत्व
- गुजरात की पवित्र नदियों का सांस्कृतिक महत्व
- सरदार पटेल की एकता के सिद्धांतों का पुनरावलोकन
करमसद, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर बुधवार को यूनिटी मार्च का आयोजन किया गया। इस यात्रा का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया। यह राष्ट्रीय पदयात्रा करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक एकता और अखंडता के सशक्त संदेश के साथ आयोजित की जाएगी, जो आणंद, वडोदरा और नर्मदा जिलों से होकर गुजरेगी।
यूनिटी मार्च में शामिल होने के लिए पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मानसी जोशी करमसद पहुंची। उन्होंने मीडिया से कहा, "मैं अहमदाबाद से इस मार्च में शामिल होने आई हूं, मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि मैं सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का हिस्सा बनी हूँ। अब तक हर क्षेत्र में छोटी और बड़ी मिलाकर 842 पदयात्राएं हो चुकी हैं। आज की पदयात्रा में युवाओं का सबसे ज्यादा योगदान देखने को मिला है।"
भाजपा विधायक पंकज देसाई ने बताया, "आज के कार्यक्रम में कई राज्यों से युवा भाग लेने आए थे। करमसद से यह मार्च शुरू हुआ है, जो केवडिया तक जाएगा।"
यूनिटी मार्च में भाग लेने वाली छात्रा सैयद अंजुमन ने बताया, "हम कॉलेज से इस कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। हमें यह कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा। स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने के बारे में भी जागरूक किया गया। आज संविधान दिवस की 76वीं वर्षगांठ भी थी, जिसके बारे में हमें जानकारी मिली।"
छात्रा सैदय सकरा ने कहा, "हमें यहां सीखने को मिला कि हमें अपनी स्वदेशी चीजों को अपनाना चाहिए और विदेशी चीजों का बहिष्कार करना चाहिए। हमें इस कार्यक्रम में आकर बहुत अच्छा लगा और बहुत कुछ सीखने को भी मिला है।"
गौरतलब है कि करमसद से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक जाने वाली यह यात्रा आणंद, वडोदरा और नर्मदा इन तीन जिलों से होकर गुजरेगी, और इस दौरान गुजरात की पांच पवित्र एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण नदियां इसकी गवाह बनेंगी।
इन नदियों में मही, विश्वामित्री, जांबुआ, ढाढर और राज्य की जीवनरेखा (जीवादोरी) समान नर्मदा शामिल हैं। पदयात्री इन नदियों के किनारों से गुजरेंगे। ये लोकमाताएं संस्कृति, इतिहास और जीवन का प्रवाह हैं। इस प्रकार, इन पांच नदियों के आशीर्वाद के साथ यह राष्ट्रीय पदयात्रा भारतीय संस्कृति की समृद्धि का प्रतीक बनकर राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रप्रेम का संदेश फैलाएगी।
इस अवसर पर गांधीनगर की मेयर मीना पटेल, एमएलए रीता पटेल, शहर भाजपा अध्यक्ष आशीष दवे, गांधीनगर नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारी अन्य लोग भी मौजूद थे।