क्या आप जानते हैं? मॉरीशस में जन्मे साहित्यकार अभिमन्यु अनत ने अपनी रचनाओं से भारत में भी प्राप्त की ख्याति

सारांश
Key Takeaways
- अभिमन्यु अनत का जन्म 9 अगस्त 1937 को मॉरीशस में हुआ।
- उन्होंने हिंदी में कई महत्वपूर्ण कृतियों का लेखन किया।
- उनकी रचनाओं ने भारतीय संस्कृति को नई पहचान दी।
- अभिमन्यु अनत को कई पुरस्कार मिले हैं।
- उनका निधन 4 जून 2018 को हुआ।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मॉरीशस के त्रिओले गांव में हिंदी साहित्यकार अभिमन्यु अनत का जन्म 9 अगस्त 1937 को हुआ। उन्होंने हिंदी के कथाकार और कवि के रूप में न केवल मॉरीशस में, बल्कि भारत में भी विशेष पहचान बनाई। अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने भारतीयों की अस्मिता को एक नई पहचान दी। इसके साथ ही अभिमन्यु अनत ने भारतीय संस्कृति, हिंदी भाषा और साहित्य का प्रचार-प्रसार भी किया। हर साल 9 अगस्त को उनकी जन्म जयंती मनाई जाती है।
मॉरीशस में जन्मे अभिमन्यु अनत ने रंगमंच, हिंदी शिक्षण और प्रकाशन के क्षेत्र में कई कार्य किए। राजकमल प्रकाशन समूह के अनुसार, उनकी प्रमुख कृतियों में 'लाल पसीना', 'गांधी जी बोले थे', 'नदी बहती रही', 'एक उम्मीद और', 'एक बीघा प्यार' (उपन्यास), 'खामोशी के चीत्कार' (कहानी-संग्रह), 'नागफनी में उलझी सांसें' (कविता-संग्रह), 'देख कबीरा हांसी' (नाटक) शामिल हैं।
अभिमन्यु अनत ने महात्मा गांधी संस्थान में एक पत्रिका की स्थापना की और कई वर्षों तक 'वसंत' पत्रिका के संपादक रहे। वे बाल पत्रिका 'रिमझिम' के भी संस्थापक थे। उन्होंने दो सालों तक महात्मा गांधी संस्थान में हिंदी विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और तीन साल तक युवा मंत्रालय के नाट्य कला विभाग में नाट्य प्रशिक्षक रहे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने 18 सालों तक हिंदी भाषा का शिक्षण कार्य किया।
कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में उनके साहित्य को समाहित किया गया है और उन पर कई अनुसंधान भी किए गए हैं। उनकी रचनाओं का अनुवाद अंग्रेजी और फ्रेंच सहित कई भाषाओं में किया गया है।
अभिमन्यु अनत को उनके लेखन के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, यशपाल पुरस्कार, जनसंस्कृति सम्मान, और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार शामिल हैं। भारत की साहित्य अकादमी ने उन्हें ऑनरेरी फेलोशिप का सर्वोच्च सम्मान दिया है।
मॉरीशस के हिंदी कथा-साहित्य के सम्राट अभिमन्यु अनत का निधन 4 जून 2018 को हुआ।