क्या मुंबई में साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ हुआ? क्राइम ब्रांच ने 12 लोगों को किया गिरफ्तार

सारांश
Key Takeaways
- साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
- पुलिस की सक्रियता से कई अपराधी गिरफ्तार हो रहे हैं।
- जागरूकता से ही हम इस प्रकार के धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
- सुरक्षा उपाय अपनाना अनिवार्य है।
- साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
मुंबई, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई पुलिस ने साइबर फ्रॉड रैकेट का भंडाफोड़ कर एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इस कार्रवाई में पुलिस ने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 2 ने कांदिवली क्षेत्र में छापेमारी की, जहां एक साइबर धोखाधड़ी रैकेट संचालित हो रहा था। पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक कपल भी शामिल है। इन आरोपियों ने देशभर में 60.82 करोड़ रुपए की ठगी की है।
इस घटना पर मुंबई क्राइम ब्रांच के डीसीपी राज तिलक रोशन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 12 आरोपियों में से 5 ऐसे थे, जिन्होंने अपने बैंक खाते और सिम कार्ड बेचे, जो इस धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए गए। इस साइबर फ्रॉड गिरोह ने 7,000 से 8,000 रुपए में सिम कार्ड और बैंक खाते खरीदे और उनका उपयोग डिजिटल अरेस्ट, ऑनलाइन खरीदारी और शेयर बाजार से जुड़ी धोखाधड़ी के लिए किया।
क्राइम ब्रांच ने जाँच के दौरान 2 लैपटॉप, 1 प्रिंटर, 25 मोबाइल फोन, 25 अलग-अलग बैंक अकाउंट के पासबुक, 30 चेक बुक, 46 एटीएम कार्ड, 1 स्वाइप मशीन और विभिन्न मोबाइल कंपनियों के सिम कार्ड बरामद किए।
क्राइम ब्रांच ने कांदिवली के एक ऑफिस पर छापा मारा, जहां से सिम कार्ड और बैंक पासबुक बरामद की गई थीं। गिरोह ने 943 बैंक खाते खरीदे थे, जिनमें से 180 का उपयोग धोखाधड़ी के लिए किया गया। यह गिरोह पिछले साल से इस अपराध की योजना बना रहा था।