क्या मुंबई में 325 करोड़ के जीएसटी घोटाले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी घोटाला 325 करोड़ रुपए का है।
- 105 से अधिक फर्जी कंपनियों का जाल बेनकाब हुआ।
- निलेश योगेश जगीवाला को गिरफ्तार किया गया।
- जाली पहचान दस्तावेजों का उपयोग किया गया।
- जांच में कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।
भुवनेश्वर, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुड्स एंड सर्विस टैक्स खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) भुवनेश्वर जोनल यूनिट को एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। बुधवार को मुंबई में कई स्थानों पर की गई छापेमारी में अधिकारियों ने मुंबई निवासी निलेश योगेश जगीवाला को गिरफ्तार किया है।
जगीवाला पर 325 करोड़ रुपए से अधिक के जीएसटी घोटाले का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगा है। इसके अलावा, 105 से अधिक फर्जी कंपनियों का जाल बुनकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की जालसाजी करने का आरोप है।
प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि इस नेटवर्क ने जाली पहचान दस्तावेजों के माध्यम से अनेक फर्मों का पंजीकरण कराया और फर्जी निदेशकों को नियुक्त किया। यह पूरा नेटवर्क वर्चुअल इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से संचालित होता था। जांच में यह भी सामने आया कि जगीवाला और उसके सहयोगियों ने निष्क्रिय कंपनियों को खरीदकर उनमें सक्रिय जीएसटीआईएन का उपयोग किया। इसके बाद दूरस्थ रूप से डीआईआर-12 फाइलिंग के माध्यम से वास्तविक निदेशकों को हटाकर फर्जी निदेशकों की नियुक्ति की गई।
नेटवर्क के ऑपरेटरों के नियंत्रण में रखे गए सिम कार्ड्स के माध्यम से जीएसटी पोर्टल का संचालन किया जाता था, जिनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर फर्जी चालान जारी करने, दिखावटी बैंकिंग लेनदेन करने और बाद में नकद निकासी तथा कमीशन भुगतान के माध्यम से अंतिम लाभार्थियों को छिपाने के लिए किया जाता था।
मुंबई और पुणे में की गई छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। इसमें विभिन्न कंपनियों की नकली मुहर, कई मोबाइल फोन और जीएसटी पंजीकरण से जुड़े सिम कार्ड, डिजिटल रिकॉर्ड, बैंक खातों के विवरण, लेनदेन का रिकॉर्ड और डिजिटल संचार से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं।
इससे पहले, 17 अक्टूबर को पुणे, महाराष्ट्र से एक महिला को गिरफ्तार किया गया था, जो प्रारंभिक जांच में निलेश योगेश जगीवाला की करीबी सहयोगी और नेटवर्क की संचालन समन्वयक पाई गई थी। दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।