क्या मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रियों का स्वागत अद्वितीय था?

सारांश
Key Takeaways
- कांवड़ यात्रा हमारी सनातन परंपरा की पहचान है।
- मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने श्रद्धालुओं का स्वागत किया।
- श्रद्धालुओं की सेवा और सुरक्षा के लिए सरकार सक्रिय है।
- यात्रा के दौरान स्वच्छता और सुविधा पर ध्यान दिया जाता है।
- भगवान शिव की पूजा का एक महत्वपूर्ण पर्व है यह यात्रा।
मुजफ्फरनगर, १८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरिद्वार से लौट रहे शिवभक्तों का एक बार फिर उत्तर प्रदेश ने श्रद्धा और सेवा का अनुपम उदाहरण पेश किया। मुजफ्फरनगर जिले के पुरकाजी बॉर्डर पर पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। इस अवसर पर बोल बम के जयघोषों से पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूब गया।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि कांवड़ यात्रा हमारी सनातन परंपरा की एक अद्वितीय पहचान है। यह आस्था, अनुशासन और सामाजिक समरसता का पर्व है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार श्रद्धालुओं की सेवा, सुरक्षा और सुविधा के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने श्रद्धालुओं की सेवा के लिए स्थापित सेवा शिविर का शुभारंभ भी किया, जिसमें निःशुल्क भोजन, प्राथमिक उपचार, चिकित्सा सुविधा एवं विश्राम स्थल जैसी व्यवस्थाएं मौजूद हैं।
उन्होंने बताया कि शासन-प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग पर स्वच्छता, सुगम यातायात, निर्बाध जलापूर्ति और मेडिकल रिस्पॉन्स टीमें मुस्तैद हैं, ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा न हो। कोई भी असामाजिक तत्व इस पावन यात्रा में विघ्न न डाल सके, इसके लिए शासन पूरी तरह सतर्क है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।
ज्ञात हो कि सावन के महीने में देशभर से शिव भक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने शहरों की ओर जा रहे हैं। इस बार कांवड़ यात्रा में सनातन संस्कृति की झलक के साथ कई रंग देखने को मिल रहे हैं। मान्यता है कि सावन में कांवड़ यात्रा भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका है। शिव भक्त मानते हैं कि इस दौरान जलाभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ खुश होते हैं और अपने भक्तों को सुख, शांति, धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
-- राष्ट्र प्रेस
विकेटी/पीएसके