क्या तेजस्वी यादव राजनीति में केवल तोतलाबाजी के लिए जाने जाते हैं?: नीरज कुमार
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव की घोषणाएं राजनीतिक वादों का हिस्सा हैं।
- नीरज कुमार का तोतलाबाजी का आरोप एक गंभीर राजनीतिक बयान है।
- बिहार में डबल इंजन की सरकार पर चर्चा हो रही है।
- राजनीति में योग्यता का होना महत्वपूर्ण है।
- प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा चुनावी प्रचार का एक हिस्सा है।
पटना, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जुबानी जंग में तेजी आ गई है। जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव की चुनावी घोषणा पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी केवल राजनीति में तोतलाबाजी के लिए मशहूर हैं।
नीरज कुमार ने राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में कहा कि तेजस्वी की घोषणा का कोई वास्तविक महत्व नहीं है। इससे पहले भी लालू यादव ने इसी तरह की घोषणाएं की थीं, जिसमें उन्होंने जनता की संपत्तियों के बारे में बातें की थीं। इसीलिए ये लोग सिर्फ राजनीति की तोतलाबाजी के लिए जाने जाते हैं और इन पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा था कि यदि महागठबंधन सत्ता में आता है, तो सभी जीविका दीदियों को स्थायी सरकारी कर्मचारियों का दर्जा मिलेगा और उनका वेतन 30,000 रुपए प्रति माह किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के 1-2 लाख संविदा कर्मचारियों को भी स्थायी किया जाएगा, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
नीरज कुमार ने यह भी कहा कि उनकी मां राबड़ी देवी के नाम पर जो विद्यालय है, वहां पर कमरा बनवाने, शिक्षकों की नियुक्ति सहित कई कार्य किए गए हैं। उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है, जो जो भी हम कहते हैं, उसे किया जाता है। तेजस्वी यादव को यह बताना चाहिए कि जो घोषणाएं वह कर रहे हैं, उन्हें कैसे पूरा करेंगे।
आरजेडी के नए गाने पर उन्होंने कहा कि क्या राजनीति कोई दुकान है? इसमें योग्यता भी होनी चाहिए। जो पढ़ाई में फेल, क्रिकेट में फेल हो और अपने परिवार को एकजुट नहीं रख सका, उसे मौका दिया जाए? ऐसे में बिहार के नौजवान क्या सुनेंगे और समझेंगे?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर नीरज कुमार ने कहा कि मोदी चुनाव से पहले भी बिहार आते रहे हैं। वे विभिन्न कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं। मोदी भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के चरणों में शीश झुका कर चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे। इस दौरान वे अति पिछड़ा समुदाय से अपील करेंगे कि कुछ लोग उपाधि चोरी करके राहुल गांधी को जननायक बता रहे हैं। इसी तरह तेजस्वी यादव को भी जननायक कहा जा रहा है।