क्या एआई कवर आर्ट ने न्यूजीलैंड बुक अवॉर्ड्स में हलचल मचाई?
सारांश
Key Takeaways
- न्यूजीलैंड बुक अवॉर्ड्स ने एआई-जनित कवर डिज़ाइन के खिलाफ सख्त नियम लागू किए।
- लेखकों का कहना है कि यह निर्णय उनके काम के प्रति अन्याय है।
- यह मामला साहित्य और तकनीक के रिश्ते पर बहस को जन्म दे रहा है।
- निकोला लेगाट ने कहा कि मानव रचनात्मकता की रक्षा आवश्यक है।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। न्यूजीलैंड के प्रसिद्ध ओखम बुक अवॉर्ड्स ने इस वर्ष एक ऐसा निर्णय लिया है जिसने साहित्यिक समुदाय में हलचल पैदा कर दी है। देश के दो प्रमुख लेखक स्टेफनी जॉनसन और एलिजाबेथ स्मिदर को पुरस्कार की दौड़ से बाहर कर दिया गया है क्योंकि उनकी किताबों के कवर डिज़ाइन में एआई-जनित इमेजरी का इस्तेमाल पाया गया।
यह मामला तब उजागर हुआ जब न्यूजीलैंड बुक अवॉर्ड्स ट्रस्ट की पुरस्कार समिति ने अगस्त 2025 में अपने नियमों को अपडेट किया और स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी पुस्तक के कवर पर एआई द्वारा उत्पन्न सामग्री स्वीकृत नहीं होगी। नई नीति के लागू होने के बाद यह पहला मामला सामने आया, जिसने साहित्य और तकनीक के बीच के रिश्ते पर गंभीर बहस को जन्म दिया।
स्टेफनी जॉनसन की किताब 'ऑब्लिगेट कार्निवोर' के कवर पर एक बिल्ली की तस्वीर है, जिसके दांत असामान्य रूप से मानवीय दिखते हैं। जॉनसन का कहना है कि उन्हें लगा कि यह केवल फोटो एडिटिंग का मामला है, लेकिन बाद में पता चला कि डिज़ाइनर ने एआई टूल का प्रयोग किया था। जॉनसन का कहना है कि उन्हें पुस्तक के कवर में इस तरह की तकनीक के उपयोग की जानकारी नहीं थी। उन्होंने नाराजगी जताई कि लोग अब यह गलतफहमी रख सकते हैं कि उनकी पूरी किताब एआई से बनाई गई है, जबकि वास्तविकता में समस्या केवल एक डिज़ाइन तक सीमित है। जॉनसन ने ये बातें आरएनजी से कहीं।
वहीं, एलिजाबेथ स्मिदर की किताब 'एंजिल ट्रेन' का कवर डिज़ाइन भी इसी कारण विवाद में आ गया। स्मिदर ने 'न्यूजरूम' मीडिया आउटलेट से बताया कि उनकी डिज़ाइनर टीम ने घंटों मेहनत करके कलाकृति तैयार की थी, जो फ्रांसीसी-रूसी कलाकार मार्क शागल के रंग-संयोजन और शैली से प्रेरित थी। हालांकि, अवॉर्ड्स समिति ने जब बताया कि इमेज जनरेशन में एआई की आंशिक भूमिका थी, तो किताब को तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया गया। स्मिदर ने कहा कि यह निर्णय कलाकारों और लेखकों की मेहनत को कमतर दिखाता है, खासकर जब उन्हें इस तकनीकी उपयोग की जानकारी तक नहीं थी।
अवॉर्ड्स ट्रस्ट की अध्यक्ष निकोला लेगाट ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि नियमों को कड़ा बनाना आवश्यक था ताकि साहित्य और कला में मानव रचनात्मकता तथा कॉपीराइट की रक्षा की जा सके। उनका तर्क है कि एआई का अनियंत्रित उपयोग न केवल रचनात्मक श्रम का अवमूल्यन करता है बल्कि कला की मौलिकता पर भी प्रश्न उठाता है। इसलिए, प्रतियोगिता को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए ऐसे मामलों में सख्त रुख अपनाना ही एकमात्र विकल्प था।
यह पूरा प्रकरण एक व्यापक बहस को जन्म दे रहा है—क्या एआई केवल एक उपकरण है, या यह मानव कला के मूल मूल्य को चुनौती दे रहा है? एआई एक आधुनिक साधन है जिसका इस्तेमाल फोटो एडिटिंग, रंग सुधार और प्रयोगात्मक कला में अब आम हो चुका है।