क्या राज ठाकरे को मदरसों को बंद कराने की चुनौती काबिल-ए-गौर है?

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क्या राज ठाकरे को मदरसों को बंद कराने की चुनौती काबिल-ए-गौर है?

सारांश

क्या राज ठाकरे के स्कूल बंद कराने के बयान पर नितेश राणे का पलटवार सही है? जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और मुद्दों की गहराई।

Key Takeaways

  • राज ठाकरे का बयान और नितेश राणे का पलटवार
  • मदरसों और स्कूलों के बीच शिक्षा का अंतर
  • राजनीतिक बयानबाजी का सामाजिक प्रभाव

मुंबई, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने हिंदी विवाद पर मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के प्रमुख राज ठाकरे को फिर से चुनौती दी है। मनसे प्रमुख ने एक बयान में कहा कि अगर सरकार ने स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य किया, तो वे स्कूल बंद कराएंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नितेश राणे ने कहा कि स्कूल बंद करने के बजाय उन्हें मदरसों को बंद कराना चाहिए।

मंत्री नितेश राणे ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं राज ठाकरे से कहूंगा कि स्कूल बंद कराने की बजाय उन्हें मदरसे बंद कराने चाहिए, क्योंकि मदरसों में असली शिक्षा नहीं होती। वहां मराठी नहीं पढ़ाई जाती, बल्कि उर्दू पर जोर दिया जाता है। मदरसों में असल में यही सिखाया जाता है कि आतंकवादी कैसे बनें?"

उदाहरण देते हुए नितेश राणे ने कहा, "कुछ महीने पहले बुलढाणा के एक मदरसे में यमन के नागरिक मिले थे। कई मदरसों में तलवारें और जिलेटिन मिलीं। इसलिए उन्हें (राज ठाकरे) हिंदुओं के स्कूल बंद करने के बजाय जिहादियों के मदरसों को बंद करना चाहिए।"

उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, "मदरसों में कोई भी मराठी नहीं सिखाता है। वहां यह पढ़ाया जाता है कि हिंदुओं को कैसे खत्म करना है।"

इस दौरान नितेश राणे ने राज ठाकरे की 'कान के नीचे मारो' टिप्पणी पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, "कान के नीचे बजाने की आवाज नयानगर से आनी चाहिए, क्योंकि नयानगर में कोई मराठी नहीं बोलता है। वहां बाबासाहेब अंबेडकर का संविधान मानने वाले लोग भी नहीं हैं। वहां शरिया कानून लागू होता है। कोरोनाकाल में वहां कोई मास्क नहीं पहनता था। किसी ने वैक्सीन नहीं ली। नयानगर लव जिहाद और लैंड जिहाद का अड्डा है।"

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए नितेश राणे ने यह भी कहा कि भारत को इस्लाम राष्ट्र बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने सभी हिंदुओं से एक साथ आने की अपील की। साथ ही नितेश राणे ने 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा दोहराया। उन्होंने कहा, "अगर मुंबई का महापौर कल कोई अब्दुल या शेख बनता है तो यहां के हिंदू सुरक्षित होंगे क्या? इस बारे में हमें सोचना चाहिए।"

उन्होंने राज ठाकरे के कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी और कहा कि राज्य में हमारी सरकार है। कानून व्यवस्था पूरी तरह कंट्रोल में है। कोई भी किसी को मारेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस्लामपुर का नाम बदलने के फैसले पर भी नितेश राणे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, "सांगली के इस्लामपुर का नाम ईश्वरपुर करने का फैसला हुआ है। मेरा मानना है कि इस्लामिक कोई भी नाम महाराष्ट्र में नहीं रहना चाहिए।"

Point of View

बल्कि यह उस समय की गहरी सामाजिक धारा को दर्शाता है जिसमें शिक्षा, भाषा, और धार्मिक पहचान के मुद्दे जुड़े हुए हैं। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि समाज में एकता और विविधता दोनों को सम्मानित किया जाना चाहिए।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या नितेश राणे का बयान उचित है?
नितेश राणे का बयान उनके व्यक्तिगत विचार हैं, जो राजनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
क्या मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता सही है?
यह एक विवादास्पद मुद्दा है और विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है।