क्या नीतीश सरकार की रोजगार योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी? : सम्राट चौधरी

Key Takeaways
- महिला रोजगार योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
- योजना के तहत 2 करोड़ 70 लाख महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- महिलाओं को 2 लाख रुपए तक की सहायता मिलेगी।
- यह योजना उद्योग स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
- पहली किस्त 10 हजार रुपए की सितंबर से दी जाएगी।
पटना, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में महिला रोजगार योजना की औपचारिक शुरुआत की गई है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह कदम बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार ने तय किया है कि राज्य की 2 करोड़ 70 लाख महिलाओं को रोजगार से जोड़कर बिहार की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जाएगा।
सम्राट चौधरी ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस बेटी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 20 साल30-35 सालउद्योग स्थापित करने का एक बड़ा लक्ष्य है।
उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि योजना के अंतर्गत लगभग 2 करोड़ 70 लाख महिलाओं को रोजगार के लिए सहायता मिलेगी। इस दिशा में महिलाओं को 2 लाख रुपए तक की मदद दी जाएगी, जिसमें सितंबर से ही 10 हजार रुपए की पहली किस्त प्रदान की जाएगी ताकि महिलाएं स्वरोजगार की ओर बढ़ सकें और अपने परिवार को आगे बढ़ा सकें।
सम्राट चौधरी ने कहा कि जीविका दीदियों के समूह ने बिहार में महिलाओं को समृद्धि का प्रतीक बना दिया है। महिलाएं उद्योग चला रही हैं और इस नई योजना से उन्हें और मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि जैसे नीतीश कुमार ने बच्चियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया था, वैसे ही अब रोजगार के क्षेत्र में मदद करके उन्हें फिर से प्रोत्साहित कर रहे हैं।
महिला रोजगार योजना पर विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों पर उप मुख्यमंत्री ने तीखा प्रतिवाद किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम ही है कि बिना आधार के सवाल उठाना। लालू यादव की पार्टी राजद और कांग्रेस का इतिहास सभी को पता है। लालू यादव ने 15 साल बिहार को लूटा और उससे पहले 40 साल कांग्रेस ने। जनता इनके बारे में सब जानती है।
कश्मीर में अशोक स्तंभ से जुड़े विवाद पर सम्राट चौधरी ने कांग्रेस और महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भारत और बिहार की अस्मिता पर हमला है। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री का अपमान, फिर बिहार का अपमान और अब अशोक स्तंभ का अपमान किया गया। कश्मीर से कन्याकुमारी तक इस पर आक्रोश है। अशोक स्तंभ पर हमला बिहार के गौरव और भारत की आत्मा पर प्रहार है। जिस तरह वहां के मुख्यमंत्री ने बयान दिया, वह शर्मनाक है। यह वही मगध की धरती है, जिसकी राजधानी कभी कश्मीर हुआ करती थी। ऐसे में अशोक स्तंभ का अपमान दरअसल बिहार का भी अपमान है।