क्या नोएडा में पूर्व मंत्री हरीश चंद्र भाटी के बेटे का डेंगू से निधन हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- आशीष भाटी की डेंगू से मृत्यु ने पूरे नोएडा को हिला दिया।
- स्वास्थ्य विभाग को डेंगू जैसी बीमारियों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।
- आशीष भाटी समाजसेवा के प्रति समर्पित थे।
- उनका अंतिम संस्कार में कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
नोएडा, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा प्राधिकरण के संस्थागत विभाग में कार्यरत असिस्टेंट जनरल मैनेजर (एजीएम) आशीष भाटी का मंगलवार को निधन हो गया। वे प्रदेश के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ समाजसेवी हरीश चंद्र भाटी के पुत्र थे।
जानकारी के अनुसार, आशीष भाटी पिछले कुछ दिनों से डेंगू से ग्रसित थे और दिल्ली के सरिता विहार स्थित अपोलो अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। हालांकि, उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया और मंगलवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनके निधन की सूचना ने पूरे नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र को हिला कर रख दिया। नोएडा प्राधिकरण के उनके सहकर्मियों ने बताया कि आशीष भाटी अपने कार्य के प्रति समर्पित थे और उन्होंने कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपने विनम्र स्वभाव और सहयोगी व्यवहार के कारण वे सभी के बीच बेहद लोकप्रिय थे। डेंगू से हुई इस असामयिक मृत्यु ने न केवल उनके परिवार बल्कि प्रशासनिक और सामाजिक समुदाय को भी झकझोर कर दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आशीष भाटी हमेशा दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभाते थे। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार ग्रेटर नोएडा के कासना स्थित पारिवारिक फार्महाउस पर किया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने के लिए गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, नोएडा विधायक पंकज सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन चौहान, योगेंद्र चौधरी, महेश चौहान, सतेन्द्र नागर, सीईओ नोएडा डॉ. लोकेश एम समेत अनेक गणमान्य लोग पहुंचे।
यह ध्यान देने योग्य है कि जिले में लगातार डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं। डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग को अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। पिछले चार दिनों में डेंगू के 53 नए मरीज मिल चुके हैं। मौसम के बदलाव ने मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। अब तक जिले में कुल 419 मामले सामने आ चुके हैं।